ऋषि, मुनियों ने हमें स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का पाठ सिखायाः मुख्यमंत्री

हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान और दिगंबर जैन समाज का कार्यक्रम

इंदौर: भारतीय संस्कृति में ऋषि, मुनियों, संत और महात्माओं ने हमें स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का पाठ सिखाया है. ऋषि, मुनियों, संत और महात्माओं के बताये मार्गों और सिद्धांतों पर चलकर हम स्वस्थ जीवनशैली प्राप्त कर सकते हैं. आज के इस युग में आहार, विहार और संयमित दिनचर्या रखने की आवश्यकता है.यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कही. मुख्यमंत्री आज यहां सांसद सेवा संकल्प अभियान हेल्थ ऑफ इंदौर और दिगम्बर जैन समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे.

स्वस्थ युवा समर्थ राष्ट्र के ध्येय को लेकर सांसद शंकर लालवानी की पहल पर सांसद सेवा संकल्प अभियान हेल्थ ऑफ इंदौर के तहत विगत दो दिनों में 50 हजार से अधिक युवाओं की प्रीवेंटिव हेल्थ केयर टेस्ट की गई. इस अभियान में इसे मिलाकर अब तक तीन लाख से अधिक नागरिकों की प्रीवेंटिव हेल्थ केयर टेस्ट की गई है. कार्यक्रम में मुनि प्रमाण सागर महाराज, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी तथा सुश्री कविता पाटीदार, विधायक मालिनी गौड़, गोलू शुक्ला, मधु वर्मा तथा मनोज पटेल, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, गौरव रणदीवे सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुनि प्रमाण सागर महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लिया. उन्होंने आचार्य विद्यासागर महाराज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की.
भारतीय संस्कृति से सीख लेने की जरूरत
मुख्यमंत्री कहा कि आज की दिनचर्या में दिन-प्रतिदिन सेहत में तेजी से विकृति आ रही है. भारतीय संस्कृति और जैन समाज की जीवनशैली अपने आप में अनूठी एवं स्वास्थ्यप्रद है. स्वस्थ जीवन के लिए भारतीय संस्कृति में बतायी गई जीवन शैली से सीख लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज सीधी, सरल, सहज, सात्विक जीवन शैली अपनाने की जरूरत है। हमें स्वस्थ रहने के लिये आहार, विहार, दिनचर्या भी संयमित रखना होगी। इससे स्वस्थ जीवन में मदद मिलेगी. कार्यक्रम में सांसद श्री शंकर लालवानी ने संबोधित करते हुए हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान की पृष्ठभूमि तथा उद्देश्यों की जानकारी दी.
जीवनशैली पर विचार करने की जरूरत
मुनि प्रमाण सागर महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति अपने आप को स्वस्थ रखने की संस्कृति है. आज खानपान और जीवन शैली पर विचार करने की जरूरत है. खान-पान और जीवन शैली दोनों में विकृति आई है। अपने आहार, विहार में सुधार लाएं, जीवन अपने आप स्वस्थ रहेगा। बीमारियों से बचने के लिए जीवन शैली, खानपान में सुधार लाने की जरूरत है।

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