कहा जा रहा है कि पीसीसी की सूची इंदौर जिले के कारण अटकी हुई है. सूत्रों के अनुसार पीसीसी का गठन अब हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव के बाद होगा. यानी 10 अक्टूबर से पहले पीसीसी की सूची को दिल्ली से हरी झंडी मिलना मुश्किल है. सूत्रों का कहना है कि ऐसा शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और ग्रामीण जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव को लेकर हो रहा है. जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह सुरजीत चड्ढा को बचाना चाहते हैं. जबकि प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह का पूरा जोर है कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष को हटाया जाए. दरअसल भंवर जितेंद्र सिंह ने कैलाश विजयवर्गीय के स्वागत वाले घटनाक्रम के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को निर्देशित किया था कि सुरजीत चड्ढा और सदाशिव यादव को उनके पदों से हटाया जाए और उन पर निलंबन की कार्रवाई की जाए.
जीतू पटवारी ने इन दोनों को नोटिस दिया और केवल 7 दिन के लिए निलंबित किया. 7 दिनों के बाद यह दोनों अपने पदों पर पहले की तरह काम कर रहे हैं. बीच में जरूर प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी महासचिव राजीव सिंह ने पत्रकारों से कहा था कि शहर और ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष पद रिक्त हैं लेकिन इसका असर नहीं दिखा और यह दोनों अपने पदों पर काम कर रहे हैं. बहरहाल,सुरजीत सिंह चड्ढा और सदाशिव यादव को अपने पदों से हटाने की चाह रखने वाले कांग्रेसियों को फिलहाल निराशा हाथ लगी है. दिग्विजय सिंह के कहने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दोनों को बचा लिया है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि जीतू पटवारी सदाशिव यादव को हटाने का मन बना चुके हैं. उनके स्थान पर राधेश्याम पटेल के नियुक्त होने की संभावना है.