नयी दिल्ली, 09 सितंबर (वार्ता) छाेटे और सीमांत किसानों की पेंशन के लिए आरंभ की गयी प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना मेें अभी तक 23 लाख 38 हजार से अधिक कृषक शामिल हो चुके हैं।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण योजना ने सोमवार को यहां बताया कि छह अगस्त तक 23.38 लाख किसान प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में शामिल हो चुके हैं। इस योजना में बिहार 3.4 लाख से अधिक पंजीकरण के साथ सबसे आगे है जबकि झारखंड 2.5 लाख से अधिक पंजीकरण के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में 2.5 लाख, छत्तीसगढ़ में दो लाख और ओडिशा में 1.5 लाख से अधिक किसानोंं का पंजीकरण हैं। दो हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले और राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश भूमि रिकॉर्ड में सूचीबद्ध सभी किसान इस योजना के तहत लाभ के लिए पात्र हैं।
मंत्रालय के अनुसार 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना देश भर के सभी छोटे और सीमांत किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर रही है। यह वृद्धावस्था पेंशन योजना एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है। इसके अंतर्गत पात्र छोटे और सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु होने के बाद 3,000 रुपये की एक निश्चित मासिक पेंशन दी जाती है। पात्र होने के लिए, किसान 60 वर्ष की आयु हाेने की अवधि में पेंशन कोष में मासिक योगदान करते हैं, जिसमें केंद्र सरकार भी योगदान देती है।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में छोटे और सीमांत किसान पेंशन कोष में मासिक सदस्यता देकर नामांकन कर सकते हैं। इसमें 18 से 40 वर्ष की आयु के किसानों को 60 वर्ष की आयु तक 55 रुपये से 200 रुपये प्रति माह के बीच योगदान करना होगा। इस योजना में पारिवारिक पेंशन का प्रावधान है। पारिवारिक पेंशन लाभ केवल पति और पत्नी के लिए है।