नोटिस तक सीमित रहीकार्रवाई
एक साल पूर्व चितरंगी के तत्कालीन विधायक ने बीआरसीसी के खिलाफ किया था शिकायत, लगाया था कई गंभीर आरोप
सिंगरौली :सरकारी पुस्तकों को कबाड़ियोंं के यहां बेचे जाने को लेकर मामला तूल पकड़ा हुआ है। वही आरोप है कि यदि पिछले वर्ष तत्कालीन विधायक चितरंगी के पत्र को गंभीरता से लेकर तत्कालीन कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ चितरंगी बीआरसीसी पर कार्रवाई किये होते तो आज जनपद शिक्षा केन्द्र चितरंगी की किरकिरी न होती।गौरतलब है कि चितरंगी बीआरसीसी सियाराम भारती एवं प्रधानाध्यापक पिपरवान तथा बीएसी पर आरोप है कि म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम भोपाल से कक्षा 1 से कक्षा 8वीं तक के छात्र-छात्राओं के मिली नि:शुल्क पुस्तकों को यूपी के ऊन्नाव जिले के कबाड़ी के हाथों बेच दिया गया।
जहां 1-2 सितम्बर की रात में मुखबिरों की सूचना के कोतवाली पुलिस ने कन्टेनर एवं पिकअप वाहन को कब्जे में लेते हुये दोनों वाहन चालकों तथा किताबों को जप्त कर डीईओ को पत्र लिखकर उक्त मामले के संबंध में अवगत कराया था। नवभारत ने सरकारी पुस्तकों के ऊन्नाव जिले के कबाड़ी के हाथों बिक्री किये जाने के मामले का भण्डाफोड़ कर उजागर किया। जहां कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने डीईओ, डीपीसी एवं सहायक संचालक शिक्षा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर 24 घंटे के अन्दर रिपोर्ट मांगा था। सूत्र बता रहे हैं कि जांच टीम जांच पड़ताल एवं रिपोर्ट बनाने में लगी हुई है।
महत्वपूर्ण दस्तावेजो को इधर-उधर करने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक जनपद शिक्षा केन्द्र में विगत तीन-चार वर्षों के दौरान व्यापक पैमाने में अनियमितता महिला स्वसहायता समूहों में फेरबदल समेत कई तरह की काले कारनामा किये गए हैं। ऐसी बातें बीआरसी दफ्तर से ही बाहर आ रही है। अब आधे-अधूरा एवं गड़बड़झाला दस्तावेजों को इधर-उधर करने की तैयारियां बीती रात से ही की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि पाठ्य पुस्तकों के बेचे जाने के मामले में बीआरसीसी लपेटे में आ गया है। बीआरसीसी को अंदेशा है कि प्रशासन बड़ी कार्रवाई कर सकता है। इसीलिए रिकार्डों को इधर-उधर करने कि फिराक में है। वही यह भी चर्चा है कि बीआरसीसी अन्य तरह की हत्थकंडे भी अपना सकता है।
विधायक ने बीआरसीसी को हटाने के लिए लिखा था पत्र
चितरंगी जनपद शिक्षा केन्द्र में पदस्थ बीआरसीसी सियाराम भारती की पूर्व में कई शिकायते लगातार मिल रही थी। स्वसहायता समूहों के फेरबदल सहित अन्य कई तरह के शिकायतें थी। जिसको लेकर पिछले वर्ष 17 जुलाई 2023 को चितरंगी विधानसभा के तत्कालीन विधायक अमर सिंह ने कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर बीआरसीसी के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने के लिए आग्रह किया था। विधायक के उक्त पत्र के बाद जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया था और बाद में कार्रवाई की नस्ती जिला पंचायत में दफन हो गई। चर्चा है कि यदि विधायक के पत्र को तत्कालीन कलेक्टर गंभीरता से लिये होते तो आज यह नौबत न आती।