बच्चों की चीख-पुकार सुनकर खेत में काम रहे लोगों ने वाहन से निकाला
नलखेड़ा, 1 सितंबर. मंगलवार दोपहर में नलखेड़ा से तीन किलोमीटर दूर छापीहड़ा मार्ग पर मोटरसाइकिल चालक को बचाने के चक्कर में बच्चों से भरा स्कूल वाहन सडक़ के किनारे खेत में पलट गया. हालांकि हादसे में किसी भी बच्चे को चोट नहीं आई है.
जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर तीन बजे नलखेड़ा क्षेत्र के एक प्राइवेट स्कूल का वाहन गांव के बच्चों को छोडऩे स्कूल जा रहा था. तभी मोटरसाइकिल चालक को बचाने के प्रयास में चालक गाड़ी का नियंत्रण खो बैठा और सडक़ के किनारे खेत में वाहन पलट गया. बच्चों में चीख-पुकार सुनकर अगल-बगल खेतों में मौजूद लोग दौडक़र आए और गाड़ी से बच्चों को बाहर निकाला गया. घटनास्थल पर अभिभावक भी पहुंच गए और बच्चों को सुरक्षित घर ले गए. घटना की जानकारी लगते ही एसडीएमओ देवनारायण यादव व थाना प्रभारी शशि उपाध्याय मौके पर पहुंचे. जहां जानकारी ली गई.
हर साल होती है औपचारिकता
कुछ गाडिय़ों में बसों में जीपीएस सिस्टम में उपलब्ध नहीं है. परिवहन और यातायात विभाग द्वारा स्कूली वाहनों की जांच के लिए हर साल स्कूल खुलते ही दल गठित किए जाते हैं. ये दल दो चार दिन जांच कर इतिश्री कर लेते हैं. लेकिन अन्य नियमों का पालन भी यहां स्कूल संचालकों द्वारा नहीं किया जा रहा है. एक स्कूल बस के पलटने की घटना नगर में भी हो चुकी है. परिवहन और यातायात विभाग के पास स्कूल वाहनों में दिशा निर्देशों के पालन की जांच का जिम्मा है. लेकिन उनके द्वारा आज तक स्कूल वाहनों की चेकिंग नहीं की गई है.
खतरों भरा सफर कर रहे नौनिहाल ….
स्कूलों की बसों को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है. बिना सुरक्षा मानक पूरा किए बगैर क्षेत्र में स्कूल वाहन दौड़ रहे हैं. यहां तक कि कई स्कूलों के वाहनों के रंग तक पीले नहीं हैं. स्कूल संचालकों व पालकों की अनदेखी से बच्चों को खतरों भरा सफर करने को मजबूर हैं. यही कारण है कि कई वाहनों में बच्चे हादसे का शिकार हो जाते हैं. स्कूल वाहनों पर जो कायदे कानून बनाए गए हैं. उनका स्कूल वाहनों पर लागू ही नहीं हो रहा है. उसकी स्कूल प्रबंधन द्वारा खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. स्कूली वाहनों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. गाइडलाइन के तहत स्कूली वाहन में सीसी कैमरे, जीपीएस सिस्टम, मेडिकल किट व दो दरवाजे उनमें वाहनों में अग्निशामक यंत्र व फस्र्ट एड बॉक्स की उपलब्धता लगाए जाना अनिवार्य किया गया है, लेकिन इधर इसके विपरीत क्षेत्र में कई निजी स्कूलों में खटारा बसें व वेन चल रही हैं. निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन भी नहीं किया जा रहा है व कई वेन सफेद व अन्य रंग के हंै. जिससे पता ही नहीं चलता कि यह स्कूल स्कूल वाहन है.
यह है स्कूल वाहनों के लिए नियम…
स्कूल बस को स्पीड गर्वनर के साथ 40 किमी घंटा की अधिकतम गति सीमा के साथ बनाया जाना चाहिए. स्कूल बस में खतरनाक आपातकालीन परिस्थितियों के लिए अलार्म घंटी और सायरन होना चाहिए. चालक का विवरण, नाम, पता,लाइसेंस नंबर, बैज संख्या,स्कूल का संपर्क नंबर, परिवहन विभाग का हेल्पलाइन नंबर,वाहन पंजीकरण नबंर को विपरीत रंग में बस के अंदर और बाहर प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए. स्कूल बस में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स और फायर एक्सस्टिंग्यूशर होना चाहिए, जिसको नियमित रूप चेक किया जाना चाहिए. इसके अलावा, चालक, कंडक्टर, गार्ड को उनका उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे बस में लगे होना चाहिए. सभी उपकरण हर समय काम करने की स्थिति में होना चाहिए. दरवाजे के लॉक सही होना चाहिए. बस में आपातकालीन निकास दरवाजे भी स्थापित किए जाने चाहिए. स्कूल बसों का रंग पीला होना चाहिए. स्कूल के नाम और उसके पते के साथ बस के आगे और पीछे दोनों में स्कूल बस लिखा होना चाहिए. बस किराए पर है, तो स्कूल ड्यूटी पर स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा.
यातायात विभाग की लापरवाही ….
अधिकांश स्कूली वाहनों में चालक और परिचालक गणवेश में नहीं होते हैं. पूरे वर्ष बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होता रहता है. अभिभावक भी मजबूरी में स्कूली वाहनों के भरोसे पूरे साल अपने नौनिहालों को छोड़ देते हैं. इस मामले को यातायात विभाग को गंभीरता से लेने की जरूरत है. बसों में सीसी टीवी एवं अन्य सुरक्षा उपकरण नहीं लगाए जाने वाले वाहन भी स्कूलों में चल रहे हैं. नगर के कुछ स्कूल संचालकों के वाहन सफेद रंग के है. कुछ किराए पर लगाए गए हैं. वाहनों में सुरक्षा उपकरण और अन्य दिशा निर्देशों की अनदेखी की जा रही है. नियम यह भी है कि तय संख्या में ही बच्चों को बैठाया जाएगा. लेकिन यहा बावजूद बस पर क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर वाहन दौड़ रहे हैं. जिम्मेदारों की अनदेखी से गाइडलाइन कागजों पर ही दम तोड़ रही है.
इनका कहना है
हमारे द्वारा स्कूल वाहनों की जांच का अभियान चलाया जा रहा है. जो भी नियम के विरुद्ध आएगा, उन वाहनों पर कार्यवाही की जाएगी.
– विनोद कुमार सिंह, एसपी-आगर मालवा