नवभारत न्यूज
रीवा, 29 अगस्त, एनजीटी की गाइड लाइन को लेकर नगर निगम के महापौर अजय मिश्रा बाबा ने एक बार फिर कलेक्टर को स्मरण पत्र लिखकर एनजीटी गाइड लाइन के विरूद्ध हो रहे अवैध निर्माण को लेकर सवाल उठाया है. साथ ही पूंछा है कि अभी तक कोई कार्यवाही क्यो नही की गई. अगर ऐसा है तो कही न कही मूक सहमति आपकी भी है.
महापौर ने 7 अगस्त को कलेक्टर को पत्र लिखा था, उसके बाद बुधवार को फिर पत्र लिखकर उल्लेख किया कि एन.जी.टी गाइड लाइन के विरूद्ध हो रहे अवैध निर्माण की ओर आकृष्ट कराया गया था कि आप इस पर कुछ न कुछ कार्यवाही करेगी. किन्तु 21 दिन बीत जाने के बावजूद आपके द्वारा कोई कार्यवाही न किया जाना यह साबित करता है कि उक्त अवैध निर्माण में आपकी मूक सहमति है. बिना जिला प्रशासन के हसयोग ऐसे निर्माण होना संभव नही है. मामला है आपके कार्यालय से महज 500 मीटर से भी कम दूरी निर्मित हुए इको पार्क का जो बीहर नदी के दो भाग में विभक्त होकर दोनो धरायो के बीच टापू में निर्माण का, अभी थोड़ी सी बारिश में उक्त टापू के ऊपर पानी आ गया था. एक ओर जिला प्रशासन द्वारा बीहर नदी संरक्षण योजना के तहत नदी के किनारे बसे लोगो के घर गिराने की कार्यवाही की जा रही. वही दूसरी ओर इको पार्क में अवैध नर्माण कराया जा रहा यह दोहरा मापदंड उचित नही ठहराया जा सकता. आपको अवगत कराना चाहता हूं कि उक्त पार्क निर्माण में आवश्यक विभागो की सम्पूर्ण अनुमति तक नही ली गई है. इस निर्माण से नदी प्रदूषित भी होगी, क्योंकि वहां पर आने वाले लोगो के लिये खाद्य पदार्थ भी उपलब्ध है, जिसके सेवन के बाद कचरा नदी में फेंके जाने से इनकार नही किया जा सकता. साथ ही इसमें पार्किंग न होने से आने वाले लोग अपना वाहन रोड़ में खड़ा करके सडक़ में जाम की स्थिति पैदा करने में अहम भूमिका अदा करते है. महापौर ने अपेक्षा की है कि उक्त अवैध एवं एनजीटी गाइड लाइन के विपरीत किये गये निर्माण की जांच कराई जाकर नियमानुसार कार्यवाही करे. यदि जिला प्रशासन स्तर पर कोई कार्यवाही नही होती तो मजबूरन एनजीटी विभाग में इसकी जानकारी के साथ शिकायत पत्र भेजा जायेगा.