नवभारत न्यूज
रीवा, 26 अगस्त, सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रीवा तेजी से विकास कर रहा है. शहर को विकसित करने के लिए अधोसंरचना का विकास आवश्यक है. पुनर्घनत्वीकरण योजना के माध्यम से शहर में कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य किए गए हैं. इसकी प्रस्तावित नवीन योजना को मंजूरी मिलने पर ग्राम बैसा में नए जेल परिसर और ट्रांसपोर्ट नगर में अंतर्राज्यीय बस स्टैण्ड का निर्माण होगा.
शासन द्वारा स्वीकृति प्राप्त होते ही प्रस्तावित निर्माण कार्य तत्परता से शुरू करें. प्रस्तावित नए जेल परिसर में दो हजार बंदियों को रखने के लिए आधुनिक भवन बनाया जाएगा. इसके लिए 54 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है. नई बैरक के साथ-साथ आवासीय भवन तथा अन्य निर्माण कार्य भी होंगे.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर में अंतर्राज्यीय बस स्टैण्ड का निर्माण प्रस्तावित किया गया है. इसके बनने से शहर के अंदर बसों का प्रवेश कम होगा. नए बस स्टैण्ड में दुकानें, रैन बसेरा तथा अन्य सुविधाएं होंगी. बसों के खड़ा करने के लिए यार्ड की भी व्यवस्था करें. प्रस्तावित बस स्टैण्ड में प्रवेश के लिए डिवाइडर सहित पर्याप्त चौड़ी रोड का निर्माण कराएं. बैठक में पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत शहर के अन्य स्थानों में प्रस्तावित निर्माण कार्यों के संबंध में भी चर्चा की गई. बैठक में इंजीनियरिंग कालेज के सामने आवासीय परिसर, जनपद कार्यालय रीवा की भूमि पर कार्यालय तथा दुकानों के निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्यों की चर्चा की गई. बैठक में अध्यक्ष नगर निगम व्यंकटेश पाण्डेय, कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे, उपायुक्त प्रबोध पराते आदि मौजूद रहे.
कोठी कंपाउण्ड के मनकामेश्वर शिव मंदिर का जन सहयोग से होगा जीर्णोद्धार
रीवा शहर के ह्मदय स्थल में व्यंकट भवन के समीप प्राचीन मनकामेश्वर शिव मंदिर स्थित है. इसमें प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. बाजार के मध्य में स्थित होने से यहाँ दिन भर चहल-पहल रहती है. कोठी कंपाउण्ड स्थित मनकामेश्वर शिव मंदिर का जन सहयोग से जीर्णोद्धार किया जाएगा. सर्किट हाउस में इस संबंध में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए व्यापारी समुदाय की ओर से बढ़चढ़ कर सहयोग दिया जा रहा है. इसके निर्माण के लिए समिति बनाकर सहयोग राशि संचित करें. मंदिर के जीर्णोद्धार की पूरी कार्ययोजना तैयार कर लें. मंदिर के गर्भगृह और प्रतिमाओं को मूल स्थान पर रखते हुए जीर्णोद्धार तथा मंदिर विस्तार का कार्य कराएं. जीर्णोद्धार के बाद इस मंदिर में भक्तों के लिए कई सुविधाओं का विकास होगा. बैठक में जीर्णोद्धार के संबंध में जनप्रतिनिधियों तथा व्यापारी समुदाय की ओर से कई सुझाव दिए गए.