नयी दिल्ली 22 अगस्त (वार्ता) केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने हस्तशिल्पियों से वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए नये बाजारों की तलाश करने की अपील करते हुये कहा है कि हरित और टिकाऊ उत्पादों पर ध्यान केन्द्रित करने और उत्पाद विविधीकरण को प्राथमिकता दिये जाने से निर्यात को बढ़ाया जा सकता है।
श्री सिंह ने कल रात यहां हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा आयोजित 24वें हस्तशिल्प निर्यात पुरस्कार वितरण समारोह में निर्यातकों को पुरस्कृत करने के दौरान निर्यातकों को ‘चैंपियन’ कहते हुए उन्होंने उनसे असाधारण विरासत की मौजूदा ताकत, 35,000 उत्पादों का उत्पादन करने वाले 800 क्लस्टर और ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और इटली जैसे प्रमुख बाजारों के लिए कारखाने बनने की क्षमता का लाभ उठाकर दुनिया के सामने भारत की योग्यता साबित करने का आग्रह किया।
उन्होंने निर्यातकों से नए बाजारों की तलाश करने का भी आग्रह किया और उम्मीद जताई कि टिकाऊ और हरित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने और उत्पाद विविधीकरण को प्राथमिकता देने के साथ इस क्षेत्र में नए निर्यातकों द्वारा विश्व बाजारों में भारत की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। मंत्री ने भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी और लाभदायक बनाने में परिषद के साथ-साथ निर्यातकों के सक्षम नेतृत्व और सराहनीय प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि इस क्षेत्र के कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा महिलाओं की है और निकट भविष्य में पुरस्कार विजेताओं में उन्हें और अधिक देखने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “ हमें अपनी स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी का मूल्यांकन करना चाहिए। निर्यात चैंपियनों को अपने लक्ष्य हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और नए बाजार क्षेत्रों की खोज के लिए पुरस्कार दिए जाने चाहिए।”
इस अवसर पर ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद; मुख्य संरक्षक की भूमिका निभा रहे ईपीसीएच के महानिदेशक और इंडिया एक्सपोज़िशन मार्ट लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार; ईपीसीएच के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना भी उपस्थित थे। भारतीय हस्तशिल्प निर्यातकों को वर्ष 2019-20 और 2020-21 के दौरान उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न श्रेणियों में 123 ट्रॉफियां और योग्यता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।