प्रमुख सचिव फॉरेस्ट सहित अन्य से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
जबलपुर। हाथी रखने की अनुमति निरस्त किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि राजस्थान फॉरेस्ट विभाग ने हाथी जब्त कर उप्र मथुरा के पुनर्वास सेंटर में रखा गया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने मामले में मप्र शासन से हाथी के स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं।
छतरपुर निवासी महावत जगदीश दास गिरी व रूप सिंह परिहार की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उनके स्वामित्व तथा कब्जे से राजस्थान वन विभाग द्वारा हाथी को जब्त करके मथुरा स्थित एक एनजीओ के संरक्षण में रखा गया है। एनजीओ के दबाव में मध्य प्रदेश के चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट ने याचिकाकर्ताओं को पूर्व में उक्त हाथी रखने की अनुमति को बिना प्रक्रिया अपनाएं निरस्त कर दी। जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने प्रमुख सचिव वन विभाग, मुख्य वन संरक्षक व डिवीजनल फारेस्ट छतरपुर व डिवीजनल फारेस्ट मथुरा उप्र को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।