० बैगा विकास के प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन पर बड़ा असर
नवभारत न्यूज
सीधी /कुसमी 16अगस्त। जिले के आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरी में बैगा विकास प्रोजेक्ट से निर्मित 15 लाख की पुलिया पहली ही बरसात में बह गई। पुलिया के बह जाने से यहां के बैगा समुदायों के समक्ष आवागमन का बड़ा संकट निर्मित हो गया है।
दरअसल ग्राम पंचायत खैरी से देवदण्डी पहुंच मार्ग में स्थित मराठा नदी के गेरमनिया नाले पर 15 लाख की लागत से पुल का निर्माण कार्य आरईएस विभाग सीधी एवं आदिम जाति कल्याण विभाग सीधी के सहयोग से कराया गया था। पुल का निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार न होने के कारण पहली बरसात में ही मराठा नदी के गेरमनिया नाले के उफान पर आते ही 15 लाख की लागत से बना पुल बह गया। बैगाओं के लिये उक्त पुल का विशेष तौर पर निर्माण कराया गया था जिससे यहां के लोगों को आवामगन को लेकर जो दिक्कतें बनी हुई हैं वह दूर हो सकें। बताते चलें कि ग्राम खैरी-देवदण्डी गांव में 80 फीसदी आबादी बैगा समुदाय की है। सरकार द्वारा इनके विकास के लिये करोड़ों रूपये का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है। यह राशि अलग-अलग क्षेत्रों में बैगाओं के विकास कार्य के लिये खर्च हो रही है। बैगा ऐसी जाति है जो कि विलुप्त होने की कगार पर है। ऐसे में सरकार इनके संरक्षण एवं विकास के कार्य में जुटी हुई है। विडम्बना यह है कि सीधी जिले में बैगा जनजाति का विकास होने की जगह उनके लिये आवंटित बजट का जिम्मेदारों द्वारा गोलमाल सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है। जिस पुल का निर्माण 15 लाख की लागत से कराया गया था। उसका उपयोग प्राथमिक विद्यालय और आंगनवाड़ी में आने वाले बच्चे कर रहे थे। बरसात में पुल के बह जाने से अब बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और न ही आंगनवाड़ी केन्द्र का पोषण आहार मिल पा रहा है। बताते चलें कि लाखों की लागत से निर्मित यह पुल आरईएस विभाग सीधी के प्रभारी ईई हिमांशु तिवारी के निर्देशन में बनाया जा रहा था। इसमें आदिम जाति कल्याण विभाग का सहयोग भी था। ठेकेदारों को अच्छा मुनाफा देने के चक्कर में आरंभ से ही पुल का निर्माण कार्य सभी मापदण्डों की अनदेखी कर काफी गुणवत्ताविहीन किया गया था।
इनका कहना है
अतिवृष्टि के कारण स्वभाविक तौर पर कभी-कभार एक-दो पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो जाती है। नवभारत के माध्यम से जानकारी मिली है। क्षतिग्रस्त पुलिया के संबध पूरी जानकारी ली जायेगी और पुलिया को पुन: सुधार कराया जायेगा।
अतुल चतुर्वेदी
अधीक्षण यंत्री, आरईएस रीवा
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