नयी दिल्ली (वार्ता) सैमसंग इंडिया ने अपने प्रमुख सीएसआर प्रोग्राम ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ 2024 के लिये राष्ट्रीय स्तर पर चुनी गई टॉप 20 टीमों की घोषणा कर दी है।
यह टीमें आगामी नेशनल राउंड में जाने के लिये तैयार हैं और ये सभी टीमें देश के अलग-अलग हिस्सों से आई हैं। इनमें भारत के 12 राज्यों और 2 संघ शासित क्षेत्रों के लोग हैं। कुछ लोग तो देश के सुदूर इलाकों जैसे कि मणिपुर के इंफाल, मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से आए हैं। गाजि़याबाद में, यूथ ट्रैक की टीम एक्वाअलर्ट और स्कूल ट्रैक की टीम प्रीयेटर वीआर ने इस सीजन के टॉप 20 सेमी-फाइनलिस्ट्स में अपनी जगह बनाई है।
कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि स्कूल ट्रैक की टॉप 20 सेमी-फाइनलिस्ट्स टीमों में से एक, गाजि़याबाद की प्रीयेटर वीआर ने वीआर पर आधारित शिक्षा को सभी विद्यार्थियों की पहुँच में लाने के लिये काम किया है। यह टीम दिव्यांगजनों के लिये किफायती हार्डवेयर और समावेशी समाधान विकसित करती है। दूसरी सेमी-फाइनलिस्ट, टीम एक्वाअलर्ट आवासीय एवं औद्योगिक परिवेशों में पानी के इस्तेमाल की अधिकता एवं अभाव पर ध्यान देती है। इसके लिये उसने निगरानी एवं नजर रखने के आधुनिक सिस्टम विकसित किये हैं। उनका लक्ष्य है जल अपशिष्ट को कम करना, संवहनीय पद्धतियों को बढ़ावा देना और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से पर्यावरण पर बुरे प्रभाव को कम करना।
प्रोग्राम के तीसरे एडिशन में विद्यार्थियों ने दो बेहद महत्वपूर्ण विषयों पर अपने आइडिया दिये थे- ‘कम्युनिटी एण्ड इंक्लूजन’ और ‘एनवायरनमेंट एण्ड सस्टेनेबिलिटी’। स्कूल ट्रैक में करीब 20 प्रतिशत आइडिया वंचित समुदायों की शिक्षा और संसाधनों तक पहुँच से जुड़े मुद्दों, आनुभविक शिक्षण एवं डिजिटल साक्षरता की चुनौतियों पर केन्द्रित थे। यूथ ट्रैक में करीब 25 प्रतिशत आइडिया जल संरक्षण, आर्सेनिक से होने वाले प्रदूषण, पानी के अपव्यय और नदियों के इर्द-गिर्द पारिस्थितिक असंतुलन पर केन्द्रित थे। इसके अलावा, लगभग 40 प्रतिशत आइडिया ने यातायात से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने, कचरे के प्रबंधन की विधियों के अभाव, सिंगल-यूज प्लास्टिक में बढ़ोतरी और जंगल की आग पर फोकस किया था।
देश की इन 20 टीमों को सैमसंग इंडिया के ऑफिसों, आर एण्ड डी सेंटरो और डिजाइन सेंटर में इनोवेशन टॉक में उपस्थित होने का अनोखा मौका मिलेगा। इनोवेशन वॉक पूरी होने के बाद यह 20 टीमें नेशनल पिच इवेंट में भाग लेंगी, जहाँ अपने-अपने ट्रैक्स में उनका मुकाबला होगा। वे नेशनल ज्यूरी के सामने अपनी परियोजना प्रदर्शित करेंगी।
स्कूल ट्रैक में 10 सेमी-फाइनलिस्ट्स टीमों को प्रोटोटाइप के विकास के लिये 20000 रूपये का अनुदान और सैमसंग गैलेक्सी टैब मिलेंगे। फाइनलिस्ट 5 टीमों में से हर एक को प्रोटोटाइप के विकास के लिये 1 लाख रूपये का अनुदान और सैमसंग गैलेक्सी वाच मिलेंगी। यूथ ट्रैक में 10 सेमी-फाइनलिस्ट्स टीमों को प्रोटोटाइप के विकास के लिये 20000 रूपये का अनुदान और सैमसंग गैलेक्सी लैपटॉप मिलेंगे। 5 फाइनलिस्ट्स टीमों में से हर एक को प्रोटोटाइप विकसित करने के लिये 1 लाख रूपये का अनुदान और सैमसंग जेड फ्लिप स्मार्टफोन मिलेंगे।
स्कूल ट्रैक में विजेता टीम को सॉल्व फॉर टुमॉरो 2024 का ‘कम्युनिटी चैम्पियन’ घोषित किया जाएगा और उसे प्रोटोटाइप को आगे बढ़ाने के लिये 25 लाख रूपये का अनुदान मिलेगा। विजेता टीमों के स्कूल भी सैमसंग के उत्पाद पाएंगे, ताकि शिक्षा को बढ़ावा दे सकें और समस्याओं को हल करने की सोच को प्रोत्साहन मिले। यूथ ट्रैक के विजेता टीम को सॉल्व फॉर टुमॉरो 2024 का ‘एनवायरनमेंट चैम्पियन’ घोषित किया जाएगा और उसे आईआईटी-दिल्ली में इंक्युबेशन के लिये 50 लाख रूपये का अनुदान मिलेगा। विजेता टीमों के कॉलेजों को भी सैमसंग के उत्पाद मिलेंगे, ताकि शिक्षा को बढ़ावा दे सकें और सामाजिक उद्यमिता को प्रोत्साहन मिले।
सॉल्व फॉर टुमॉरो को सबसे पहले अमेरिका में 2010 में लॉन्च किया गया था। यह प्रतियोगिता अभी दुनिया के 63 देशों में चल रही है और अब तक इसमें 23 लाख से ज्यादा युवा भाग ले चुके हैं।