जबलपुर: अपर सत्र न्यायाधीश अजय रामावत की अदालत ने कर्मचारी नेता योगेंद्र दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त कर दी। मामला सेवानिवृत्ति के बावजूद कर्मचारी नेता के रूप में सक्रिय रहकर शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप से संबंधित है। जिसे लेकर कृष्णकांत शर्मा की शिकायत पर बरेला पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया है। जिसके बाद गिरफ्तारी की आशंका के चलते अग्रिम जमानत चाही गई थी।
अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक कुक्कू दत्त ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ का पंजीयन निरस्त होने के बाद भी आवेदक संगठन के लेटर पेड का उपयोग कर शासकीय सेवकों की शिकायत में जुटा रहता है। इतना ही नहीं पुलिस को दर्ज किए गये प्रकरण के संदर्भ में अन्वेषण के लिए आवेदन की आवश्यकता पड़ेगी, वह प्रभावशाली है और फरार होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता, इसलिए अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त की जानी चाहिये। सुनवाई पश्चात न्यायालय ने योगेंद्र दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त कर दी