ढाका, 05 अगस्त (वार्ता) बंगलादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-ज़मां जल्द ही विद्यार्थियों और शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ सीधी बातचीत करेंगे।
यह जानकारी सेना की मीडिया विंग ने सोमवार शाम को दी। इससे पहले बड़े पैमान पर हिंसक प्रदर्शन के बीच बंगलादेश की सेना ने तख्तापटल कर दिया और सेना प्रमुख जमां ने अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की। इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश के पलायन कर गयी। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (आईएसपीआर) ने सोमवार शाम को घोषणा की कि सेना प्रमुख विद्यार्थियों और शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे।
उधर, सुश्री हसीना ने सोमवार को अपराह्न में राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया और अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ एक सैन्य हेलिकॉप्टर से देश छोड़ कर चली गयीं। इसके बाद सेना ने जिम्मेदारी संभाली।
इससे पहले शाम करीब चार बजे श्री जमां ने राजधानी के कैंटोनमेंट में एक आपातकालीन बैठक के दौरान घोषणा की कि सुश्री हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि देश चलाने के लिए एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्होंने जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने लोगों से निराश नहीं होने का आग्रह किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगें पूरी की जाएंगी। खबरों के मुताबिक सुश्री हसीना का हेलिकॉप्टर शाम को भारत में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के हिंडन एयर बेस पर उतरा। इस दौरान एयर ऑफिसर कमांडिंग (एओसी) संजय चोपड़ा ने एयर बेस पर सुश्री हसीना की अगवानी की।
भारतीय वायु सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने से लेकर हिंडन वायुसेना स्टेशन पर उतरने तक उनके विमान पर कड़ी निगरानी रखी। रिपोर्ट के अनुसार सुश्री हसीना ब्रिटेन के लंदन जाने की योजना बना रही हैं। उन्होंने बंगलादेश से प्रस्थान करने से पहले एक भाषण रिकॉर्ड करने का इरादा जताया था, लेकिन उन्हें ऐसा करने का अवसर नहीं मिला।
इस बीच, सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने सुश्री हसीना के आधिकारिक आवास गणभवन पर धावा बोल दिया। टेलीविजन और सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में प्रदर्शनकारियों को उनके बिस्तर पर लेटे हुए, फर्नीचर और यहां तक कि उनके बगीचे से हंस, खरगोश और परिसर में बड़े तालाब से मछलियां ले जाते हुए देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना से जुड़ी कई इमारतों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने धनमंडी में बंगबंधु भवन (जिसे बंगबंधु स्मारक संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है) और अवामी लीग के अध्यक्ष के कार्यालय में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग के ढाका जिला कार्यालय में भी आग लगा दी।
टीवी और सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में प्रदर्शनकारी बंगलादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की एक बड़ी धातु की मूर्ति को तोड़ते और उसे गिराने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं। हजारों लोग खुशी में राजधानी ढाका की सड़कों पर उतर आए और नारे लगाते नजर आए। तस्वीरों में प्रधानमंत्री के घर के पास वाहनों से आग की लपटें निकलती दिख रही हैं।
इस बीच, देश के हवाई मार्ग से मुख्य प्रवेशद्वार हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बंद कर दिया गया है। (एचएसआईए) के कार्यकारी निदेशक ग्रुप कैप्टन कमरुल इस्लाम ने कहा कि हवाईअड्डे पर सभी परिचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र संगठन स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन ने कहा कि वे रात आठ बजे राष्ट्रीय सरकार की रूपरेखा पेश करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य न्यायाधीश के आवास में भी तोड़फोड़ की। कई लोग हरे रोड नंबर 19 स्थित मुख्य न्यायाधीश के आवास की चारदीवारी पर चढ़ रहे थे।
ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने सोमवार को लोगों और विद्यार्थियों से धैर्य रखने तथा अनुशासन बनाए रखने का आग्रह किया था। साथ ही, उन्होंने सही दिशा में आगे बढ़ने का आश्वासन भी दिया और कहा कि विद्यार्थियों और लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार बड़ी खुशखबरी आने वाली है। उन्होंने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में यह आह्वान किया।
उन्होंने कहा,“हम अभी सेना प्रमुख के साथ चर्चा कर रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने हमारे विद्यार्थियों और लोगों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को समझ लिया है।”
उन्होंने कहा,“मुझे उम्मीद है कि आपके लिए अच्छी खबर होगी। मैं विद्यार्थियों, जनता और युवाओं से भी शांति और धैर्य बनाए रखने का अनुरोध करता हूं। यह देश हमारा है। अब से हम सही दिशा में आगे बढ़ेंगे।”
उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत कोटा (आरक्षण) दिये जाने को लेकर बंगलादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। यहां रविवार को विरोध प्रदर्शनों के दौरान करीब 100 लोग मारे गए थे।