गोपद पुल की 31 जुलाई की भी डेड लाईन समाप्त

एमपीआरडीसी अधिकारियों के दावों की खुलने लगी पोल, तीन साल में सात बार से अधिक मिली चुकी है डेड लाईन

सिंगरौली : सीधी-सिंगरौली एनएच 39 के मध्य स्थित गोपद नदी पर पुल बनाने का काम एक दशक से अधिक करीब 13 साल का वक्त लग गया है। फिर भी पुलिया का टू-लने कार्य पूर्ण नही हो पाया है। पुलिया का कार्य पूर्ण कर आखिरी 31 जुलाई डेड लाईन एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने तय किया था। लेकिन अभी भी पुलिया पर से आवागमन शुरू नही हुआ है।गौरतलब है कि सीधी-सिंगरौली एनएच 39 निर्माणाधीन फोर-लेन का करीब 35 फीसदी कार्य अभी भी अधूरा है। 12 साल बाद भी सड़क का पुल-पुलियों का कार्य एमपीआरडीसी के उदासीन अधिकारियों एवं लापरवाह ठेकेदार के बदौलत नही हो पाया। लिहाजा एनएच 39 सड़क निर्माणाधीन होने से एमपीआरडीसी तथा प्रदेश सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है।

इधर जब सड़क निर्माण को लेकर एमपीआरडीसी प्रदेश सरकार की जब किरकिरी शुरू होती है। तब सरकार के साथ-साथ सत्ताधारी नेताओं एवं एमपीआरडीसी की नींद भी टूटती है और जैसे ही नींद खुलती है सड़क एवं पुलिया के कार्य पूर्ण करने की एक डेड लाईन तय कर देते हैं। ताकि लगातार निशाना साधने वाले लोग चुप्पी साध ले। निर्माणाधीन गोपद नदी पुलिया के साथ ऐसा ही हो रहा है। चर्चाओ के मुताबिक एनएच 39 सड़क एवं गोपद नदी पर बन रहे पुलिया के कार्य को पूर्ण करने के लिए आखिरी 31 जुलाई डेड लाईन एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने ही तय किया था और निर्देश था कि पुलिया का टू-लेन कार्य हर हाल में संविदाकार्य पूर्ण करेगा। हैरानी की बात है कि यह डेड लाईन अप्रैल के आखिरी महीने में तय किया गया था। इसके बावजूद पुलिया का कार्य अभी भी पूर्ण नही हो पाया है।

पुलिया के डिवाईडर बनाने सहित अन्य कार्य में लगे श्रमिकों ने बताया कि जिस गति से कार्य हो रहा है ऐसे में कम से कम एक महीने का भी वक्त लग सकता है। बशर्ते संविदाकार पूरा मटेरियल उपलब्ध कराएं। श्रमिकों ने माना कि टू-लेन पुलिया कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। यदि यह कार्य तेजी से चलता तो पिछले महीने जून में ही यह कार्य पूर्ण हो जाता। कहीं न कहीं लापरवाही बरती जा रही है। इसमें एमपीआरडीसी के अधिकारी भी घोर लापरवाह नजर आ रहे हैं। यहां बताते चले की पुलिया के टू-लेन का कार्य पूर्ण करने के लिए करीब सात से आठ बार डेड लाईन फिक्स किया जा चुका है और भाजपा नेताओं के द्वारा दावा किया जा रहा था कि गोपद पुलिया का टू-लेन का कार्य पूर्ण कराकर आवागमन चालू करा दिया जाएगा। परन्तु ऐसा नही हो पाया है। अब टू-लेन पुल के कार्य को पूर्ण होने और आवागमन चालू होने में कम से कम एक महीने का वक्त लग सकता है। तब तक जर्जर पुलिया से ही आवागमन चलता रहेगा। भले ही मुसाफिरों को जाम से जूझना पड़े। सत्ताधारी नेता केवल निर्माणाधीन पुलिया पर खड़े होकर फोटो सेसन कराकर अपनी ही तारीफ कराने में लगे हैं। जनता की समस्याओं के निराकरण कराने में विशेष सरोकार नजर नही आ रहा है।
सीएम के सामने भी किसी नेता ने नही उठाई आवाज
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बीते दिवस कल चितरंगी में आगमन हुआ। किन्तु भाजपा के किसी जनप्रतिनिधि व मंचासीन नेताओं ने मुख्यमंत्री को एनएच 39 निर्माणाधीन सड़क के बारे में सार्वजनिक तौर पर चर्चा नही किये। यदि मुख्यमंत्री कान में कोई गुप्तगू किया हो इसकी जानकारी किसी को नही लगी। जबकि सीधी-सिंगरौली जिले का यह सबसे ज्वलंत एवं बड़ा मुद्दा है। लेकिन लोगों के बीच चर्चा होने लगी है कि मुख्यमंत्री के साथ फोटो सेसन कराने के चक्कर में जनता से जुड़ी समस्याओं को उठाने एवं चर्चा करने के लिए भूल गए। चितरंगी क्षेत्र के ही कई गणमान्य नागरिकों ने कहा है कि मुख्यमंत्री का आगमन जरूर हुआ। लेकिन जरूर मंद मुद्दों को जोरशोर से नही उठाया गया। जबकि मंच पर कई दिग्गज नेता मौजूद थे।

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