– उप-मुख्यमंत्री शुक्ल ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश.
– चिकित्सा शिक्षा की कुल 20 में से केवल 15 पुस्तकों का लिप्यंतरण
नवभारत प्रतिनिधि
भोपाल, 31 जुलाई. पिछले साल मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी माध्यम में शुरू की गई थी. इसके लिए मेडिकल छात्रों को हिंदी में पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया था. वर्तमान में 20 में से केवल 15 पुस्तकों का ही लिप्यंतरण किया गया है.
उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मगंलवार को मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में आयोजित समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि मेडिकल की नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही हिन्दी में एमबीबीएस पाठ्य-सामग्री उपलब्ध कराएं
शुक्ल ने कहा कि शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से पूर्व चिकित्सा शिक्षा सभी वर्षों की पाठ्यपुस्तकों को हिन्दी भाषा में उपलब्धता कराई जाएं. उन्होंने वर्षवार और विषयवार पाठ्यपुस्तकों के लिप्यंतरण कार्य की समीक्षा कर हिन्दी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम का लाभ ले रहे छात्रों का फीडबैक लिया.
बैठक में जानकारी दी गई कि केवल 10 प्रतिशत छात्र ही हिन्दी भाषा की पाठ्यपुस्तकों का लाभ ले रहे हैं. जिन 15 पुस्तकों का लिप्यंतरण किया जा चुका, वे शासकीय मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी में उपलब्ध हैं. शेष 5 पाठ्यपुस्तकों का लिप्यंतरण कार्य पूर्ण हो चुका है, जिनके मूल्यांकन उपरांत प्रिंटिंग की कार्यवाही 10 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी.
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तरुण कुमार पिथोड़े, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ अरुण श्रीवास्तव, प्रोफेसर श्वसन चिकित्सा विभाग एवं राज्य नोडल अधिकारी हिन्दी प्रकोष्ठ डॉ लोकेंद्र दवे, उप कुलसचिव एवं राज्य समन्वयक हिन्दी प्रकोष्ठ अमृता बाजपेयी, सलाहकार हिन्दी प्रकोष्ठ चिकित्सा शिक्षा रागिता अग्निहोत्री सहित विभिन्न पुस्तकों के लिप्यंतरण में कार्य कर रहे प्रोफेसर और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
जन-औषधि केंद्रों की समीक्षा
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने वल्लभ भवन भोपाल में प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना के मध्यप्रदेश में क्रियान्वयन की समीक्षा की. उन्होंने जन-औषधि केंद्रों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए और जागरूकता लाने के निर्देश दिए. जन-औषधि मेला लगाए जाएं. मध्य प्रदेश में वर्तमान में मध्यप्रदेश में 412 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालित हैं. बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान, डॉ पंकज जैन, कंट्रोलर मयंक अग्रवाल आदि उपस्थित रहे.
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