नयी दिल्ली (वार्ता) ऑनलाइन राइडिंग सेवा प्रदाता कंपनी ने शेयर्ड राईड प्रोडक्ट के बारे में जागरुक बनाने के लिए नई कैंपेन ऊबर रीड्स की शुरुआत की है, जो अपनी एयर कंडीशन्ड ईवी बसों में राइड के दौरान राइडरों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
कंपनी ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि ऊबर रीड्स को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि राइडर एयर कंडीशन्ड ईवी बस में पहले से बुक की गई सीट पर आराम से बैठ सकें और बेस्ट सेलर टाइटल्स में अपनी पसंद की पुस्तक चुन कर इसे पढ़ सकें। इससे राइडर लंबी राईड कै दौरान अपने स्मार्टफोन में स्क्रॉलिंग करने की बजाए पढ़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
ऊबर शटल के द्वारा राइडर एक सप्ताह पहले से कैशलैस बुकिंग के द्वारा अपनी सीट की बुकिंग कर सकते हैं। ऊबर ऐप पर बस की लाईव लोकेशन फॉलो करने के साथ ही चौबीस घंटे सेफ्टी हेल्पलाईन का एक्सेस भी पा सकते हैं। एक माह तक चलने वाले इस अभियान के तहत ऊबर रीड्स ईवी बसें दिल्ली में पहले से तय रूट्स पर चलेंगी। ये कारोबार केंद्रों एवं बड़े रिहायशी इलाकों के बीच के सबसे व्यस्त रूट्स होंगे।
ऊबर इंडिया और दक्षिण एशिया के हाई कैपेसिटी व्हीकल के हेड अमित देशपांडे ने इस फीचर के बारे में कहा, ‘‘ऊबर शटल के द्वारा अधिक संख्या में लोग कम वाहनों में रोज़मर्रा की यात्रा कर सकते हैं। हमारा कैंपेन ऊबर रीड्स, उपलब्ध विकल्पों की ओर उन्हें लुभाने का अच्छा तरीका है, जिनकी अक्सर वे अनदेखी करते रहे हैं- यानि अक्सर लोग शेयर्ड राईड की बजाए प्राइवेट वाहन को चुनते हैं और इसी तरह रीडिंग की बजाए घंटों अपने फोन में स्क्रॉलिंग करना पसंद करते हैं। हम पैंग्विन के साथ साझेदारी में ऊबर रीड्स के माध्यम से लोगों को ऐसे अनुकूल विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।’’
पैंग्विन रैंडम हाउस (इंडिया) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव श्रीनागेश ने कहा, ‘’पैंग्विन में हम रीडिंग की बदलावकारी क्षमता में भरोसा रखते हैं और हमारा मानना है कि कंटेंट से भरी इस दुनिया में रीडिंग की आदत बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। ऊबर रीड्स कैंपेन के माध्यम से हम किताबों की व्यापक रेंज लेकर आए हैं- जिसमें फिक्शन से लेकर बायोग्राफी, सेल्फ हेल्प से लेकर मिस्ट्री तक शामिल हैं। इस अनूठी पहल के लिए ऊबर के साथ साझेदारी करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, जो दर्शाती है कि रीडिंग कभी भी की जा सकती है। रोजमर्रा के आवागमन में भी समय निकाल कर इस अच्छी आदत को बरक़रार रखा जा सकता है।”