भोपाल, 23 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि श्रावण माह में धार्मिक स्थलों में बेहतर प्रबंध करना हमारा कर्तव्य है। श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक कार्यक्रम स्थलों पर व्यवस्थाएं बेहतर रहें। मंत्री अपने जिले में निकलने वाली सवारी में शामिल हों। कमिश्नर-कलेक्टर व्यवस्थाएं बनाए रखने के समुचित प्रबंध करें।
डॉ यादव श्रावण माह में आयोजित होने वाले त्यौहारों के प्रबंधों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। जिलों के जनप्रतिनिधि और अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादो मास 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवारी से समरसता का बेहतर संदेश जाता है। साथ ही उमंग और उत्साह का वातावरण बनता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों से आने वाले नृत्य और सांस्कृतिक दलों के ठहराने की व्यवस्थाओं में कमी न रहे। उन्होंने कहा कि उज्जैन में सभी सवारियों की बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं। सवारी में बैंड एवं डमरु दल शामिल हों। विश्व रिकार्ड बनाने का प्रयास करें। कांवड़ियों के विश्राम करने के लिए शेड बनवाए जाएं।
डॉ यादव ने मंदसौर में सवारी निकलने के समय व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनसुविधाओं का ध्यान रखा जाए। ओंकारेश्वर में माँ नर्मदा का जल प्रवाह तेज रहता है। खंडवा-खरगौन जिले के अधिकारी सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर व्यवस्थाएं करें। श्रद्धालुओं को व्यवस्थाओं का आगे भी स्थाई रूप से लाभ मिले। कलेक्टर विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित करें, उन्हें सम्मानित भी करें। सबको विश्वास में लेकर कार्य करें।
उज्जैन कलेक्टर ने श्रावण माह के प्रथम सोमवार की सवारी निकलने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए प्रबंध व्यवस्थित रहा। श्रद्धालुओं को दर्शन भी ठीक से हुए। उन्होंने सवारी मार्ग एवं मंदिर की व्यवस्थाओं की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि मंदसौर में पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में प्रत्येक सोमवार को 10 से 15 हजार श्रद्धालुओं का आगमन होता है। यहां प्रात: 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक दर्शन होते हैं। शिवना नदी पर स्नान घाट बना है। अगली 12 एवं 19 अगस्त को सवारी यात्रा होगी। ओंकारेश्वर में 2 सितम्बर को सोमवती अमावस्या पर अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। झूला-पुल से दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।