-अमरवाड़ा के पौनार में हुई ऐतिहासिक जनसभा
छिन्दवाड़ा,अमरवाड़ा ही नहीं जिले के आदिवासी अंचल के अंतिम छोर तक सडक़ का निर्माण व विद्युतीकरण के कार्य किये, पेयजल व सिंचाई हेतु तालाब व जलाशय का निर्माण कराया ताकि किसान आर्थिक रूप से मजबूत बने तभी ही तो किसान का बेटा शहर जाकर अच्छी पढ़ाई कर पायेगा। आप सभी के प्यार और सहयोग से मैं मुख्यमंत्री बना तो पहली किश्त में छिन्दवाड़ा के 80 हजार किसानों का कर्ज माफ किया और हजारों करोड़ रुपयों से अधिक की राशि छिन्दवाड़ा के विकास के लिये दी। उक्त उदगार आज मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अमरवाड़ा के पौनार में आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने सारगर्भित उदबोधन में आगे कहा कि पिछले 44 वर्षों में मैंने जो विकास के कार्य कराये हैं वे सभी आप लोगों के सामने हैं। अगर मैं अमरवाड़ा की बात करूं तो यहां नवोदय विद्यालय, सौ बिस्तरों का अस्पताल, शासकीय विद्यालय एवं महाविद्यालय , अम्बुजा सीमेंट का स्किल सेंटर के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। अमरवाड़ा व हर्रई विकासखण्ड को नरसिंहपुर नेशनल हाईवे से जोडऩे के साथ ही आंतरिक सडक़ों का निर्माण, सौ बिस्तरों का अस्पताल, वनोपज को नई पहचान, हर्रई में 123 केवी का विद्युत स्टेशन, गौरपानी, पटनिया व कोहपानी सहित अन्य स्थानों पर जलाशय का निर्माण, आंचल कुण्ड धाम का विस्तार व हर्रई से तामिया रोड का निर्माण हुआ है। यह सबकुछ आप लोगों के सहयोग से ही पूर्ण हो पाया है किन्तु आगे भी बहुत कुछ करना शेष है जिसके लिये हम सभी एकजुट होकर साथ-साथ चलना होगा तभी हम अपने आदिवासी अंचलों का और विकास कर पायेंगे। मैं, आप और नकुलनाथ साथ मिलकर विकास की इस यात्रा को और आगे बढ़ायेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने उदबोधन में आगे कहा कि मैंने जिले के युवाओं को रोजगार से जोडऩे के लिये तकनीकी शिक्षा दिलाने के प्रयास बहुत पहले ही कर दिये थे। जिला मुख्यालय पर अनेक स्किल सेन्टर संचालित हो रहे हैं जहां से पांचवी अथवा आठवीं उत्तीर्ण युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार से जुड़ सकता है। इतने स्किल सेन्टर देश के किसी अन्य जिले में नहीं है। यह हमारे छिन्दवाड़ा के लिये गर्व का विषय है। हम आगे भी विकास को इसी रफ्तार से जारी रखेंगे। आयोजित जनसभा में स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।