रेल संरक्षा के एक लाख आठ हजार करोड़ रुपए: वैष्णव

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (वार्ता) देश में रेल दुर्घटनाओं में वृद्धि के बीच आये आम बजट में रेलवे के पूंजीगत आवंटन में एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक संरक्षा के लिए व्यय करने का प्रस्ताव किया गया है।

रेल, सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को मीडिया को बजट प्रस्तावों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में रेलवे के लिए रिकॉर्ड दो लाख 62 हजार 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है जबकि वर्ष 2014 में रेलवे के लिए पूंजीगत आवंटन 35 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहता था।

उन्होंने कहा कि इस दो लाख 62 हजार 200 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय में से एक लाख आठ हजार 795 करोड़ रुपये संरक्षा के मद में खर्च किए जाने हैं।

संरक्षा के मद में पुरानी रेल पटरियों को बदलना, कवच का नया 4.0 संस्करण लगाना, इंजन एवं कोचों के अनुरक्षण, ओवरब्रिज और अंडरपास बनाने आदि में यह धनराशि खर्च की जाएगी।

श्री वैष्णव ने कहा कि रेलवे गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों की सवारी है।
इसलिए जनरल एवं गैर एसी स्लीपर कोचों की मांग बढ़ी है।
पूंजीगत व्यय से करीब 10 हज़ार जनरल एवं गैर एसी स्लीपर कोचों के उत्पादन किया जाएगा।

कवच के नये संस्करण के बारे में उन्होंने कहा कि कवच 4.0 में भारतीय रेलवे के सभी तरह की प्रणालियों को समाहित करते हुए नया साफ़्टवेयर बनाया गया है।
जिसे दो तीन पहले ही आरडीएसओ लखनऊ से स्वीकृति हासिल हुई है।
अब इसको तेजी से बड़े पैमाने पर उत्पादन करके अधिक से अधिक लाइनों पर लगाया जाएगा।

रेल मंत्री ने कहा कि रोज़गार की दृष्टि से देखें तो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के 10 साल के शासनकाल में चार लाख 16 हजार नियुक्तियां हुईं थीं जबकि मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में पांच लाख से अधिक लोगों को रेलवे की नौकरी मिली है।
इस वर्ष भी 38 से 40 हजार लोगों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।

श्री वैष्णव ने कहा कि इस साल भी नयी परियोजनाओं पर फोकस बना रहेगा।
जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में नयी लाइनों पर काम तेजी से चल रहा है।
जम्मू-कश्मीर में कटरा से रियासी के बीच सुरंग संख्या एक में काम हो रहा है।
बाकी लाइन करीब-करीब तैयार है।
उम्मीद है कि दो से तीन महीने में यह काम भी पूरा हो जाएगा।

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