प्रशासन और अखाड़ा के संतों की बैठक में निर्मल गंगा और पॉलिथीन मुक्त मेले पर जोर

प्रयागराज, (वार्ता) दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने को लेकर गुरूवार को साधु संतो की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और प्रशासन के बीच गुरूवार को मंडलायुक्त कार्यालय में हुई बैठक में सभी संतों ने गंगा की निर्मलता और पॉलिथीन मुक्त मेले पर जोर दिया।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव रविन्द्र पुरी ने बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि महाकुंभ को पॉलिथीन मुक्त बनाने के साथ गंगा की निर्मलता के लिए अधिकारियों के सामने बात रखी गई है। इसका पूरी गंभीरता के साथ पालन करने की जरूरत है। अखाड़ों को सुविधाएं देने और अन्य जरूरी व्यवस्थाओं की पूर्ति के लिए चर्चा की गई।

अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में कहा गया कि महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। ऐसे में उन्हें जरुरी सहूलियत और सुविधाओं की आवश्यकता है। मेला प्राधिकरण को जरुरी इंतजाम समय से करने चाहिए। इसके साथ ही गंगा और यमुना में स्नान पर्व के मौके पर स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके।

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बयान से बचना चाहिए। ऐसे आरोप बडे हल्के और बेबुनियाद होते हैं। इस पर किसी भी धर्माचार्य को राजनीति नहीं करनी चाहिए।

अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाडे के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरी ने बताया कि इस बार के महाकुंभ को ग्रीन कुंभ क्लीन कुंभ बनाने का भी संकल्प लिया गया है। महाकुंभ के दौरान पूरे मेला क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा। मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने में अखाड़ों के संतों की भूमिका भी तय की गई है जिससे देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को जागरूक किया जा सके। सुरक्षा के लिहाज से भी अखाड़े के संतों ने मेला प्राधिकरण के सामने कई सुझाव रखे हैं। शाही स्नान के मौके पर अखाड़े के शिविर से लेकर स्नान घाट तक जरूरी सुरक्षा के इंतजाम की मांग रखी गई।

मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने कहा कि महाकुंभ के दृष्टिगत आज जो बैठक में सन्तों के सुझाव आएं हैं उसपर मेला प्राधिकरण आगे की कार्य योजना बनाएगा। एडीजी (जोन) भानु भास्कर ने बताया कि मेले की सुरक्षा के दृष्टिगत जो सुझाव और मांग संतो की तरफ से की गई है, उस पर पुलिस और प्रशासन के साथ ही मेला प्राधिकरण विचार करके अमल मे लाने का काम करेगा।

बैठक में सभी 13 अखाडों के प्रतिनिधि, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, एडीजी (जोन) भानु भास्कर, मेलाअधिकारी विजय किरन आनंद समेत अनेकों अधिकारी उपस्थित थे।

Next Post

शिलांग पहली बार डूरंड कप की मेजबानी के लिए तैयार

Fri Jul 19 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email शिलांग, (वार्ता) मेघालय की राजधानी शिलांग पहली बार प्रतिष्ठित डूरंड कप की मेजबानी को लेकर उत्साहित है। गुरुवार को 133वें इंडियन ऑयल डूरंड कप की तीन शानदार ट्रॉफियां यहां पहुंचीं जिन्हे मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा की उपस्थिति […]

You May Like