कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश
इंदौर: प्रदेश में अब झोलाछाप डॉक्टरों की खैर नहीं रहेगी. मोहन सरकार झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर एक्शन मोड में आ गई है. जिसके तहत सभी कलेक्टर व सीएमएचओ को फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं.प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा किए जाने वाले इलाज से होने वाली रोगियों की मृत्यु दर को रोकने के लिए मानव अधिकार आयोग द्वारा दिए गए आदेश के बाद मोहन सरकार ने भी सख्ती दिखाते हुए जिले के सभी कलेक्टर एवं सीएमएचओ को सख्त निर्देश दिए है कि वह अपने अपने जिलों में ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करें. जो किसी भी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज से बगैर डिग्री लिए मरीजों का इलाज कर रहे हैं. अब ऐसे झोलाछाप चिकित्सकों के संस्थानों को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाएगा. वहीं ऐसे फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सकों जो गली मोहल्लों में बगैर पंजीयन के क्लिनिक खोल कर मरीजों के इलाज के नाम पर उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या है आदेश
राज्य सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आदेशित किया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों (झोलाछाप डॉक्टरों) पर तुरंत कार्रवाई कर ऐसे लोगों पर धारा 7 ग के उल्लंघन के तहत प्रकरण दर्ज करवाया जाए. जिसके तहत 3 साल के कारावास या 50 हजार रुपए तक के अर्थ दंड से दंडित किया जाए.
समय-समय पर की जाती है कार्रवाई
झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाती हैं, जांच के लिए एक टीम बनी हुई है, जो समय-समय पर कार्रवाई भी करती है.
– बीएस सैत्या, सीएमएचओ