व्यापमं से लेकर नीट तक भ्रष्टाचार में जोशी का हाथ

जबलपुर में गरजे पूर्व सीएम दिग्विजय: बोले भाजपाई जनसेवा नहीं, धनसेवा कर रहे

स्वीकारा: कांग्रेस के निराशाजनक नतीजे, ईवीएम की पारदर्शिता को लेकर लगाएंगे याचिका

जबलपुर। भाजपा के लोग जनसेवा नहीं धन सेवा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉडल ऑफ गर्वनेंस का खेल चल रहा है। नतीजा सारे बड़े-बड़े काम गुजरात की कम्पनियां ठेके पर लेकर पेटी कॉन्ट्रेक्ट में पलटा रही हैं। व्यापमं से लेकर नीट तक भ्रष्टाचार के पीछे   एक प्रदीप जोशी का हाथ है। इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में भी भ्रष्टाचार किया गया है। यह बयान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकारवार्ता में दिया।  उन्होंने चर्चा के दौरान स्वीकार किया कि लोकसभा चुनाव में मप्र से कांग्रेस के लिए निराशाजनक नतीजे आए। इसके साथ ही ईवीएम की पारदर्शिता की मांग के साथ हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कहीं।  उन्होंने कहा कि विगत लोकसभा चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के दिशा – निर्देशों का समुचित पालन नदारद रहा। लिहाजा, वे टेक्निकल ग्राउंड्स पर याचिका दायर करेंगे।

400 पार का दावा, 250 सीट में सिमट गए
दिग्विजयसिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस विश्लेषण कर रही है लेकिन चार सौ पार का दावा करने वाले 250 सीट में सिमट गए और बहुमत तक नितिश कुमार व चंद्रबाबू नायडू की कृपा से हैं। ऐसे में यह अपना वादा पूरा कर पाएंगे या नहीं यह देखना होगा। इधर देश में प्रति व्यक्ति बचत घट चुकी है।

लाड़ली बहनों से छलावा, महंगाई चरम पर
दिग्विजय सिंह ने कहा कि गरीब और गरीब व अमीर और अमीर होता जा रहा है। मध्यप्रदेश में लाडली बहनों को 1250 रुपए महीना दिया जा रहा है जबकि जबकि महंगाई चरम पर है ये लाड़ली बहनों के साथ छलावा है।

मंत्री सारंग नर्सिंग घोटाले में शामिल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चिकित्या शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पर भी निशाना साधा। उन्होंने सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि नर्सिंग घोटाले में मंत्री सारंग और मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं जिसकी जांच होनी चाहिए।

पौधारोपण भ्रष्टाचार का नया तरीका
एक पेड़ मां के नाम अभियान और पौधारोपण पर पूर्व सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में नमामि देवी नर्मदे योजना के नाम पर पेड़ लगाए गए उन्हें नर्मदा परिक्रमा के दौरान नहीं दिखे। यह भ्रष्टाचार का नया तरीका है। आगे उन्होंने कहा कि  पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण अच्छी बात है, लेकिन गड्ढे करवाना, पौधे खरीदना और रिकार्ड बनाने के लिए पौधारोपण कराना यही भ्रष्टाचार का तरीका है। पौधारोपण में कितने गड्ढे हुए, कितने पौधे खरीदे गए कितना खर्च हुआ इसकी जांच करने वाला कोई नहीं है।

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