जिले के किसानों की पहली पसंद बासमती धान
जबलपुर :जिले में खरीफ मौसम में 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में धान की फसल ली जाती है। जबलपुर जिले के किसानों का लगातार बासमती धान की तरफ रुझान बढ़ता जा रहा है, इस वर्ष शासकीय एवं निजी बीज विक्रेताओं के माध्यम से जिले में लगभग 6800 क्विंटल बासमती धान के बीज की मुख्य किस्में किसानों को उपलब्ध कराई गई है। जिसके लिए जिले में अभी बासमती धान की नर्सरी तैयार कर मजदूर एवं पैडी ट्रांसप्लांटर के माध्यम से खेत में कीचड़ मचा कर रोपाई निरंतर जारी है।
जिले में पिछले 4 वर्ष में जहां दस हजार हैक्टेयर में बासमती धान लगाई जाती थी, अब बढक़र रकबा लगभग 35 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। बासमती धान का रकबा बढ़ाने का मुख्य कारण यह है कि बासमती धान लंबा पतला सुगंधित एवं चावल लंबा पतला सुगंधित एवं मुलायम होता है जो बनने पर आपस में चिपकता नहीं है। दावत जैसी प्रमुख कंपनियां जिले के किसानों से बासमती धान अच्छी कीमत पर खरीद कर ले जा रही है। उपयुक्त जलवायु, धान का अधिकतम रकवा, प्रति हेक्टेयर अधिक उत्पादन आदि सभी कारणों से जबलपुर के किसानों के लिए भविष्य में बासमती धान की अपार संभावनाएं हैं।
20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर लगता है बीज
बोनी के लिए बासमती धान का बीज 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर लगता है। बासमती धान का प्रमाणित बीज 75 से 100 रुपए प्रति किलो मिलता है। बासमती धान 110 से 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है। जिले में बासमती धान का उत्पादन 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टर प्राप्त हो रहा है। किसानों को बासमती धान का बाजार मूल्य 5000 से 5500 प्रति क्विंटल मिलता है। एम एस पी से अधिक कीमत बाजार में बासमती धान की प्राप्त होती है जिससे शासन पर बोझ कम आता है। बासमती चावल का बाजार में मूल्य 100 से 125 रुपए प्रति किलोग्राम तक प्राप्त होता है। बासमती धान में लगने वाले खरपतवार कीट एवं बीमारियों का नियंत्रण दवाओं के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।