कोलकाता, 10 जुलाई (वार्ता) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कुछ अन्य तृणमूल कांग्रेस नेताओं के पिछले महीने के अंत में उनकी कथित टिप्पणियों के खिलाफ दायर मानहानि मामले में बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा अंतरिम आदेश देने की मांग वाली याचिका पर 15 जुलाई को सुनवाई करेगा।
अदालत के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने राज्यपाल के एक आवेदन पर सुनवाई के बाद मानहानि की शिकायत को अपनी अदालत में दर्ज करने की अनुमति दे दी।
न्यायाधीश ने यह भी निर्देश दिया कि अंतरिम आदेश के लिए राज्यपाल के आवेदन, मुख्यमंत्री और अन्य को विवादित मुद्दे पर कोई और टिप्पणी न करने का निर्देश देने के लिए सोमवार 15 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।
न्यायमूर्ति राव ने श्री बोस के वकील को इस बीच मुकदमे में प्रतिवादियों को आवेदन की प्रतियां देने का भी निर्देश दिया।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 28 जून को ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था, जिसके एक दिन बाद उन्होंने कथित तौर पर दावा किया था कि महिलाओं ने उनसे शिकायत की थी कि वे राजभवन या गवर्नर हाउस जाने से डरती हैं।
राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने दो मई को श्री बोस के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।