नयी दिल्ली, 10 जुलाई (वार्ता) केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि जिस दिन एक आदमी द्वारा दूसरे आदमी को ढोने की प्रथा ( साइकिल रिक्शा से ढोने की प्रथा) समाप्त होगी, वह ऐतिहासिक दिन और उपलब्धि होगी।
श्री गडकरी ने भारत विकास परिषद के 62वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा,“ देश के विभिन्न क्षेत्रों में अभी भी एक आदमी द्वारा दूसरे आदमी के ढोने की परम्परा कायम है और मैं इस परम्परा को समाप्त करने क लिए प्रयासरत हूं।”
उन्होंने कहा ,“ मैंने इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए ई- रिक्शा और ई- कार्ट जैसे कदम उठाया है। जिस दिन हमारे देश से यह कुप्रथा समाप्त हो जाएगी, वह दिन मेरे जीवन का और हम सभी के लिए ऐतिहासिक दिन होगा तथा यह उपलब्धि हम सभी को गौरवान्वित करने वाली होगी।”
इस मौके पर उन्होंने भारत विकास परिषद के सामाजिक कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सामाजिक संस्थाएं और समाज निर्माण के कार्यों में लगे लोग 100 साल के बारे में सोचते हैं, जबकि राजनेता सिर्फ पांच साल की सोचते हैं यानी सिर्फ चुनाव के बारे में सोचते हैं।
गौरतलब है कि भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद के आदर्शो पर चलने वाली एक स्वयंसेवी संस्था है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक इकाई भारत विकास परिषद की स्थापना डॉ. सूरज प्रकाश ने 10 जुलाई 1963 में की थी। यह संस्था सम्पर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण की भावना से काम करतीं है और इसका मुख्य उद्देश्य स्वस्थ, समर्थ और संस्कारित भारत का निर्माण करना है।