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खंडवा। जबलपुर हाई कोर्ट ने एक प्रकरण में सुनवाई के दौरान सोमवार को खंडवा विधायक कंचन मुकेश तनवे पर 50 हजार रुपए की कास्ट लगाई। न्यायमूर्ति गुरुपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ ने यह राशि एक सप्ताह के भीतर लीगल सेल में अथाट्र्री में जमा करने आदेश दिए हैं।
जाति प्रमाण पत्र को लेकर विधायक कंचन तनवे को सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट में पेश होना था। सुनवाई के दौरान विधायक के अधिवक्ता पेश हुए। इस पर जज ने तीखी फटकार लगाई। कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय ने भाजपा की कंचन मुकेश तनवे के विरुद्ध विधायक का चुनाव लड़ा था। तब विधायक ने जो जाति प्रमाण पत्र पेश किया, उसमें पिता की जगह पति का नाम लिखा है। शिकायत चुनाव आयोग को भी की थी। उसी को लेकर जनवरी माह में रीट पीटिशन जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई थी।
मामला लगाने वाले कुंदन मालवीय ने बताया कि जब कंचन मुकेश तनवे खण्डवा जिला पंचायत का चुनाव लड़ रही थी। तब रिटर्निंग आफिसर ने उन्हें एक नोटिस दिया था कि आपका जाति प्रमाण पत्र प्रॉपर नहीं है। तब उन्होंने एक शपथपत्र पेश कर दिया कि अभी हमारे पास समय नहीं है कि हम जाति प्रमाणपत्र पेश कर सकें। उनके शपथ पत्र को स्वीकार करते हुए हमारी चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। उसके बाद वह जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं।
दोबारा जब वह खंडवा विधानसभा का चुनाव लड़ीं तो उन्होंने दोबारा वही जाति प्रमाणपत्र पेश कर दिया। श्री मालवीय के मुताबिक हमने उसकी पूछताछ की। फैक्ट सामने आया कि विवाहित महिला हंै तब भी उनकी जाति प्रमाणपत्र पर पिता की बजाय पति का नाम होना गलत है। सुप्रीम कोर्ट के जो निर्देश हैं, सब जगह एक जैसे हंै। इसी को आधार बनाकर कुंदन मालवीय ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि इनका जाति प्रमाणपत्र मान्य नहीं है।