श्रीनगर, 27 जून (वार्ता) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि अगर लोकतंत्र को जीवित रखना है तो इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपना व्यवहार बदलना होगा।
श्री अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर नेकां के आधिकारिक पेज पर एक वीडियो साझा कर कहा कि “अब सत्ता पक्ष को प्रचंड बहुमत नहीं है। मुझे उम्मीद है कि यह बदल जाएगा। लोकतंत्र को बचाए रखना है तो इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष को अपने व्यवहार को बदलना होगा। यह एक नई चीज़ है।”
श्री अब्दुल्ला ने यह बात नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी की धारा 370 और एक पूर्व सांसद को ‘मुस्लिम आतंकवादी’ टैग को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ तीखी नोकझोंक के एक दिन बाद कही।
उन्होंने कहा कि “मुझे खुशी है कि सभी विपक्ष संविधान के साथ खड़े हैं और मुझे उम्मीद है कि वे संविधान को समाप्त करने की बजाय संविधान को मजबूत करेंगे।”
उन्होंने कहा कि अब एक विपक्ष है, एक मजबूत विपक्ष और युवा विपक्ष है जो संसद में लोगों की समस्याओं को उठाना चाहता है।
नेकां के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि लोकसभा अध्यक्ष उन समस्याओं को लोगों के सामने लाने की अनुमति देंगे, अन्यथा इस संसद का कोई मतलब नहीं है।