भोपाल, 27 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज मंत्रालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत मध्यप्रदेश राज्य के प्रथम तीन आवेदकों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका स्वागत किया।
सीएए के तहत पहले आवेदक समीर सेलवानी और संजना सेलवानी के पिता पाकिस्तान में रह रहे थे। 2012 से ये भारत में रह रहे हैं। इन्होंने सीएए के अंतर्गत मई में आवेदन किया था। तीसरी आवेदक राखी दास बांग्लादेश से हैं। इन्हे भी आज भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकता संबंधी कठिनाई का निराकरण कर, एक ऐसा रिश्ता पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया, जो अखण्ड भारत की याद दिलाता है।
उन्होंने कहा कि 1947 के पहले तत्कालीन सरकार द्वारा जो निर्णय किया गया था कि हम अपने देश में सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा और उनकी चिंता करेंगे। इस भरोसे से हिंदू, सिक्ख, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी भारत के पूर्व हिस्से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रह गए थे। काल के प्रवाह में उनको भारत में आने से मना कर दिया गया। उनपर प्रतिबंध लगा दिया गया और इन्हें विदेशी माना गया। जबकि ये मूल रूप से विदेशी नहीं थे। ये उस अखण्ड भारत के हिस्सा थे। ये सिर्फ तत्कालीन सरकार के भरोसे से वहां रह गए थे। बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरकारें उनकी सुरक्षा उपलब्ध नहीं करा पा रही थी।
डॉ यादव ने कहा कि सीएए से हमारे परिवार के लोग हमारे पास आ रहे हैं। ये अपने धर्म को बचाने के लिए अपने मूल देश में आ रहे हैं। अगर वहां ये धर्म बदल लेते तो वहीं रह सकते थे। डॉ यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने बड़ा काम किया। मध्यप्रदेश में जो भी आएगा उन सभी का स्वागत करेंगे। मध्यप्रदेश शासन द्वारा इनकी जो जरूरतें होंगी उसमें शासन पूरी मदद करेगा।