अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के आदेश : बिरदी

श्रीनगर 25 जून (वार्ता) कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक वी.के. बिरदी ने सभी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति सतर्क और सक्रिय रहने तथा शनिवार से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी भी संभावित खतरे का जवाब देने का निर्देश दिया है।

कुल 52 दिनों तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा 29 जून को मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले के बालटाल और दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के दोहरे मार्गों से शुरू होगी। जम्मू संभाग में इस महीने की शुरुआत में कई आतंकी हमले की घटनाओं के बाद प्रशासन दोगुना सतर्क है।

श्री बिरदी ने पुलिस नियंत्रण कक्ष कश्मीर के सम्मेलन कक्ष में एक बैठक में एसएएनजेवाई-2024 के शांतिपूर्ण संचालन की व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत करने तथा राष्ट्र विरोधी तत्वों (एएनई) एवं आतंकवादी सहयोगियों पर क्रियाशील बुद्धि का इस्तेमाल कर जांच करने पर जोर दिया।

आईजीपी ने किसी भी संभावित खतरे के लिए समन्वय और समय पर प्रतिक्रिया के महत्व पर जोर देते हुए सभी अधिकारियों से अपने कर्तव्यों में सतर्क तथा सक्रिय रहने का आग्रह किया।

बैठक में मध्य कश्मीर रेंज के डीआइजी, उत्तरी कश्मीर रेंज के डीआइजी, दक्षिण कश्मीर रेंज के डीआइजी, कश्मीर जोन के सभी जिला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), एसएसपी ट्रैफिक सिटी, एसएसपी ट्रैफिक ग्रामीण, एसएसपी सुरक्षा, एसएसपी एपीसीआर, एसपी टेलीकम्युनिकेशन ने भी भाग लिया।

शुरुआत में भाग लेने वाले अधिकारियों ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से आईजीपी को अपने संबंधित जिलों की विशिष्ट आवश्यकताओं और अमरनाथ यात्रा-2024 के सुचारू संचालन के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था सहित सुरक्षा योजना की जानकारी दी।

अधिकारियों को निर्देश देते हुए श्री बिरदी ने सुरक्षा प्रयासों के समन्वय और परिचालन, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित आपदाओं से उत्पन्न होने वाली मांगों के प्रबंधन में एकीकृत दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई एसओपी की बारीकी से जांच की।

तीर्थयात्रियों की सुरक्षित आवाजाही को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए श्री बिरदी ने रोड ओपनिंग पार्टियों की तैनाती और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की, राजमार्गों पर सतर्क गश्त तथा निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने अधिकारियों को रात के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मजबूत रात्रि नियंत्रण सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।

आईजीपी ने वाहनों के साथ-साथ पैदल यात्रा के लिए कार्यक्रम और कटऑफ समय की भी समीक्षा की, जो निर्धारित मार्गों पर तीर्थयात्रियों के एक संरचित तथा सुरक्षित प्रवाह को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जमीन पर उनकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एसओपी के आधार पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को सभी रणनीतिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित करके सभी शिविर स्थलों पर मजबूत सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को प्रत्येक यात्रा शिविर में पर्याप्त जनशक्ति सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।

बैठक का समापन आईजीपी की ओर से यात्रा के लिए एक सुरक्षित, सुचारू और संरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए पुलिस की क्षमताओं पर विश्वास व्यक्त करने के साथ हुआ जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि तीर्थयात्री अपनी आध्यात्मिक यात्रा बड़े उत्साह तथा मन की शांति के साथ कर सकें।

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