जबलपुर: रात लगभग 12 बजे के बाद शहर की सडक़ों पर मवेशी अपना अड्डा जमाए बैठ जाते हैं। जिसके कारण यहां से निकलने वाले राहगीरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गौरतलब है कि रात 12 बजे के बाद जैसे ही बाजार बंद होने लगता है और लोगों की चहल-पहल कम होती है,तो मवेशी सडक़ों पर पूरी तरह से सक्रिय हो जाते हैं । खास तौर पर बड़े फुहारा, कमानिया गेट, सराफा से लेकर हितकारिणी स्कूल दीक्षितपुरा क्षेत्र में बड़ी संख्या में मवेशी देखने को मिलते हैं। वही रात के सन्नाटे में यह बीच सडक़ों पर बैठ जाते हैं। जिसके कारण यहां से निकलने वाले राहगीरों को काफी परेशानी होती है ,साथ ही उनके हमला करने जैसा भय भी राहगीरों को बना रहता है। बीच सडक़ पर बैठे मवेशियों के कारण दो पहिया वाहनों को तो बड़ी मुश्किल से रास्ता मिलता है। इसके अलावा चार पहिया वाहन तो इन मवेशियों के बीच से निकल भी नहीं सकते हैं, उनको यहां से गुजरने के लिए मवेशियों को उठाना पड़ता है।
लोगों के साथ हो सकती है बड़ी दुर्घटना
रात के अंधेरे में भी सडक़ पर यहां मवेशियों के चलते किसी दिन बड़ी दुर्घटना लोगों के साथ हो सकती है। जिसमें देखा जाता है कि बड़ी संख्या में मवेशी रात के अंधेरे में बीच सडक़ों पर एकत्रित रहते हैं। कहीं- कहीं पर यह मवेशी बीच सडक़ों पर रोड़ा बनकर खड़े रहते हैं तो कहीं बैठ जाते हैं। जिसके चलते अगर किसी वाहन चालक का ध्यान रात के अंधेरे में इन पर नहीं गया और तो वह किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकता है। मवेशियों की इस बढ़ती हुई संख्या और यातायात में उत्पन्न हो रही बाधा के चलते लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। परंतु जिला प्रशासन द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है,और वह किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में मौन बैठा हुआ है