चातुर्मास इस बार 17 जुलाई से होगा शुरू 400 साल बाद 118 दिन का रहेगा, खरमास नहीं

इस बार 11 से 13 दिन पहले आएंगे सभी त्योहार
17 जुलाई को श्रीहरि चार माह के लिये विश्रााम करेंगे

उज्जैन: 400 साल बाद पंच महायोग में चातुर्मास की शुरुआत 17 जुलाई से हो रही है। इसी दिन देवशयनी एकादशी पर सृष्टि के संचालक भगवान श्रीहरि चार माह के लिए क्षीरसागर में अपने आसन शेषनाग की शैया पर जाकर विश्राम करेंगे। इस बार यह चातुर्मास 118 दिनों का होगा, जबकि पिछली बार मलमास होने की वजह से 30 दिन अधिक होने से 148 दिनों का था। अमृत सिद्धि योग है। यह संयोग लगभग 400 साल बाद पड़ रहा है। ऐसे में सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए यह चातुर्मास अत्यंत शुभ होगा। पुराणों में मान्यता के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश बारी-बारी से शयन करते हैं। भगवान विष्णु के बाद भगवान शिव देवउठनी एकादशी से महाशिवरात्रि तक और ब्रह्मा शिवरात्रि से देवशयनी एकादशी तक चार-चार माह पाताल लोक में निवास करते हैं। पं. जय शिव ने बताया कि देवशयनी एकादशी के दिन केले के पेड़ को विष्णु स्वरूप मान कर धूप-दीप, पुष्प, चंदन आदि से पूजा करें और पीले चावल और बेसन के लड्डुओं का भोग लगाएं। इस प्रक्रिया को संकल्प लेकर चातुर्मास भर विधिपूर्वक प्रत्येक गुरुवार को करें। ह्रीं श्रीं जनार्दनाय नम: मंत्र का जाप करें।

13 दिन का ही होगा आषाढ़ कृष्ण पक्ष

विक्रम संवत 2081 में आषाढ़ कृष्ण पक्ष 13 दिन का होगा। सामान्य रूप से प्रत्येक माह में दो पक्ष होते हैं। प्रत्येक पक्ष में 15 या 14 तिथियों का मान रहता है पर कभी देव योगवश तिथि गणित क्रिया द्वारा दो तिथियों का क्षय वश 13 रह जाती है। ऐसा इस वर्ष सूर्य और चंद्र की गति के कारण संयोग बन रहा है। जून के आखिरी सप्ताह में तिथियों के क्षय होने से आषाढ़ कृष्ण पक्ष 15 के बजाय 13 दिन का रहेगा। 23 जून से 5 जुलाई के बीच दो तिथियां क्षय होने से यह स्थिति बनेगी। दरअसल, आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा और आषाढ़ कृष्ण चतुर्दशी तिथि का क्षय होगा। ज्योतिष के अनुसार जब-जब ऐसा संयोग आता है देश-दुनिया में आपदा या अप्रत्याशित घटनाएं होने की आशंका रहती है। लगभग 31 साल पहले वर्ष 1993 में भी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में भी ऐसी स्थिति बनी थी।

तब 13 दिन का शुक्ल पक्ष था। हरतालिका तीज व्रत 6 सितंबर को होगा, जो पिछले साल 18 सितंबर को था। यानी 12 दिन पहले इस बार तीज मनाई जाएगी। इसी प्रकार सभी त्योहारों में 10 से 12 दिन पहले आने का अंतर रहेगा। जलझूलनी एकादशी 14 सितंबर को मनाई जाएगी, जो पिछले साल 25 सितंबर को थी। अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को मनाई जाएगी, जो पिछले साल 28 सितंबर को थी। पितृ पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से होगी, पिछले साल 30 सितंबर से हुई थी। नवरात्र 3 अक्टूबर और दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा दिवाली पिछले साल 12 नवंबर को आई थी। इस बार 29 अक्टूबर को आएगी।

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Mon Jun 24 , 2024
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