जिला पंचायत में वर्ष 2018-19 से चल रहा प्रकरण, अब तक नही हुआ निराकरण
सिंगरौली : ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिवों के खिलाफ जिला पंचायत में शिकायतों का प्रकरण चल रहा है। लेकिन ऐसे ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिवों को जिला पंचायत से तारीख पर तारीख मिल रही है। सूत्रों के अनुसार पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 एवं 92 के तहत करीब दो सैकड़ा से अधिक प्रकरण जिला पंचायत के यहां लंबित है।दरअसल ग्राम पंचायतों में मची भर्रेशाही व आर्थिक अनियमितताओं को लेकर जिले के कई सरपंच व सचिवों के खिलाफ जनपद एवं जिला पंचायत में शिकायत की गई थी। जहां जांच उपरांत उक्त शिकायत पत्रों को कार्रवाई में शामिल किया गया और ऐसे सरपंचों के विरूद्ध पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत एवं सचिवों के विरूद्ध उक्त अधिनियम की धारा 92 के तहत नोटिस देकर शिकायत एवं आर्थिक अनियमितता के संबंध में जवाब मांगा गया।
बताया जाता है कि जिला पंचायत में जब से सरपंचों पर धारा 40 की कार्रवाई करने का अधिकार मिला। तब से जिला पंचायत सिंगरौली में उक्त प्रकरणों की फाईले कार्रवाई के निए लंबित हैं। ऐसे प्रकरणों की संख्या दो सैकड़ा पर है। इसमें सरपंच, सचिव शामिल हैं। बताया जाता है कि जनपद पंचायत देवसर, चितरंगी एवं बैढ़न क्षेत्र के सरपंच व सचिव जिनपर घोर आर्थिक अनियमितता किये जाने आरोप हैं। फिर भी ऐसे सरपंच व सचिवों के विरूद्ध कार्रवाई करने के बदले उन्हें तारीख पर तारीख मिल रही है। जिला पंचायत के सीईओ अभी तक किसी नतीजे पर नही पहुंचे हैं। जिसको लेकर जिला पंचायत में ही तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है।
जानकारी देने से परहेज पर सवाल
जिला पंचायत में पंचायत राज अधिनियम के तहत शिकायतों का देख-रेख का जिम्मा जनपद पंचायत बैढ़न में पदस्थ सहायक विकास विस्तार अधिकारी डीपी चौधरी के पास हैं। जिला पंचायत सीईओ ने इन्हें अटैच किया है। जबकि अटैचमेंट की प्रक्रि या बंद है। इसके बावजूद डीपी चौधरी पर जिला पंचायत सीईओ की मेहरवानी समझ से परे है। हालांकि जिला पंचायत सीईओ अकेले डीपी चौधरी पर नही बल्कि अन्य कई शासकीय सेवकों पर दरियादिली दिखाया है। इधर चर्चा है कि जिन पूर्व एवं वर्तमान सरंपच व सचिवों के विरूद्ध जिला पंचायत में कार्रवाई संबंधित प्रकरण चल रहा है। उन्हें केवल तारीख पर तारीख मिल रही है। केवल पेशी कर उन्हें एक न एक नोटिस के माध्यम से जवाब मांगा जाता है। वही उक्त प्रकरण में सुनवाई के दौरान मिल रही तारीख पर तारीख से परेशान हैं। वही इस संबंध में जानकारी मांगने पर शाखा प्रभारी ने न्यायालयीन प्रकरण बताकर साझा करने से इंकार कर दिया था।
अटैचमेंट बना है चर्चा का विषय
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने शासकीय सेवको पर अटैचमेंट पर पूर्णत: रोक लगाई है। इसके बावजूद जिला पंचायत में सहायक विकास विस्तार अधिकारी सहित अन्य कुछ कर्मचारी तैनात किये गये हैं। यहां बताते चले की सहायक विकास विस्तार अधिकारी पूर्व में जिला पंचायत में अटैच थे। लेकिन दो साल पूर्व तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ साकेत मालवीय ने मूलत: जनपद पंचायत बैढ़़न में वापस कर दिया था। उनके जाने के बाद फिर से उक्त कर्मचारी को जिला पंचायत में अटैच कर दिया गया है। जिला पंचायत में अटैच कर्मचारियों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है।