– सीएम हाउस में ही सीएम ने किया योग
– सांसद, महापौर, विधायक के साथ अफसरों ने भी किया सीएम के साथ योग
प्रशासनिक संवाददाता
भोपाल, 21 जून. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर शुक्रवार को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लाल परेड मैदान में योगाभ्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेना था, लेकिन शुक्रवार को सबेरे राजधानी में हुई बारिश के चलते लाल परेड मैदान में पानी भर गया, जिस कारण कार्यक्रम में आनन- फानन में बदलाव किया गया और इसे फिर मुख्यमंत्री निवास में ही करना तय किया गया. मुख्यमंत्री को तय कार्यक्रम के हिसाब से लाल परेड मैदान सबेरे 6 बजे पहुंचना था,लेकिन कार्यक्रम में बदलाव के कारण मुख्यमंत्री निवास में कार्यक्रम आधा घंटे से भी अधिक देरी से शुरु हो सका, जो अधिकारी लाल परेड मैदान जाने वाले थे, उन्होंने मुख्यमंत्री निवास की ओर रूख किया.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्रीनगर से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दिए गए संबोधन का श्रवण किया, वहीं अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि योग का अर्थ जुड़ाव है. मन और आत्मा का जुड़ाव. आत्मा का चेतना से जुड़ाव और हमारे खान-पान, रहन-सहन और आचार-विचार से भी योग का संबंध है. इस नाते योग से इस वर्ष श्रीअन्न को भी जोड़ा गया है.योग को लोकप्रिय बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास भलीभूत हो रहे हैं. उन्होंने वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ में योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, जिसे सर्वानुमति से सभी राष्ट्रों ने स्वीकार किया. भारतीय संस्कृति की ध्वजा लहराई. यह भारत की उज्जवल, गरिमापूर्ण, गौरवपूर्ण संस्कृति और हजारों साल से चली आ रही आहार शैली को भी समर्थन था. योग की अलग-अलग पद्धतियां रही हैं. समय-समय पर महान योगाचार्य हुए हैं. वैदिक काल से लेकर पतंजलि काल तक योग की मौजूदगी के प्रमाण मिलते हैं. इसमें ध्यान, धारणा और समाधि आदि समाहित हैं. आज योग पूरी दुनिया में फैल गया है.
मप्र में 11 आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मप्र में योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है. प्रदेश में योग आयोग के गठन के बाद योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया. योग शिक्षकों को अन्य विषयों के शिक्षकों की तरह महत्व मिल रहा है. आनंद विभाग भी गठित किया गया है. इस दिशा में कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा. आयुर्वेद की दृष्टि से भी अहम फैसले लिए गए हैं. प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोलने का निर्णय इसी कड़ी में लिया गया है. मध्यप्रदेश की समृद्ध वन संपदा की दृष्टि से आयुर्वेद के क्षेत्र में मध्यप्रदेश नवीन आयुर्वेदिक महाविद्यालयों के माध्यम से पूरे देश का ध्यान आकर्षित करेगा.
प्रदेश में श्रीअन्न उत्पादकों को प्रति क्विंटल एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि मिलेगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोदो-कुटकी सहित सभी तरह के मोटे अनाज अर्थात श्रीअन्न के उत्पादन को प्रोत्साहित किया गया है. करीब छह माह पूर्व जबलपुर में मंत्रिपरिषद की बैठक में पहला फैसला श्रीअन्न के प्रोत्साहन पर लिया गया था. महाकौशल अंचल में बहुतायत से श्रीअन्न का उत्पादन होता है. किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से श्रीअन्न का महत्व हम सभी कोरोना काल में ही समझ चुके हैं. व्यक्ति आहार, विचार और व्यवहार के स्तर पर नियमित रहकर दीर्घायु प्राप्त कर सकता है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीअन्न संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया. कार्यक्रम में इस अभियान के तहत संचालित की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी गई. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को दो किसानों ने श्रीअन्न बीज के पैकेट भेंट किए.
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अब वैश्विक उत्सव बन गया है योग
– राजभवन में राज्यपाल ने भी किया योग
प्रशासनिक संवाददाता
भोपाल, 21 जून. राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि शरीर, मन और आत्मा के संतुलन के लिए योग अत्यंत ज़रूरी है. योग सरल है, सभी के लिए हैं. यह व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से किया जा सकता है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रयासों से योग अब वैश्विक उत्सव बन गया है. पटेल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
राज्यपाल पटेल ने कहा कि योग हमारे पूर्वजों की धरोहर है. ऋ षि-मुनियों की देन है. हमें योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए. भौतिकवादी जीवनशैली और बदलते खान-पान के दौर में हमें योग के साथ अपने खान-पान, आचार-विचार पर भी विशेष ध्यान देना ज़रूरी है. पटेल ने 40 वर्ष की आयु तक मन को भाने वाले और 40 वर्ष के बाद शरीर को भाने वाले खान-पान को अपनाने की सलाह दी. राज्यपाल पटेल के साथ करीब 150 व्यक्तियों ने सामूहिक रुप से योग किया.