योग को दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाने की उप मुख्यमंत्री ने की अपील
नवभारत न्यूज
रीवा, 20 जून, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने महर्षि पतंजलि के योगसूत्र का उद्धरण देते हुए कहा है कि योग चित्तवृत्ति निरोध अर्थात, योग चित्त की वृत्तियों का निरोध है. मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त करने में सहायक है. यह अत्यंत गर्व का विषय है कि योग, जो हमारे ऋ षियों की अनमोल देन है, आज पूरे विश्व में स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली का प्रतीक बन चुका है. उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं. योग न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि हमारे मन और आत्मा को भी शांति और संतुलन प्रदान करता है. इसे आप अकेले या अपने परिवार के साथ मिलकर कर सकते हैं.
उप मुख्यमंत्री ने माता-पिता, अभिभावकों और युवाओं से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चों छोटे भाई बहनों को प्रारंभिक आयु से ही योग का महत्व सिखाएं और उन्हें इसे अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करें. इससे न केवल उनका शारीरिक विकास होगा, बल्कि मानसिक विकास भी सुचारू रूप से होगा.
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि इस वर्ष योग दिवस की थीम स्वयं और समाज के लिए योग यह संदेश देती है कि योग केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है. योग हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने योग को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और इसे प्रत्येक व्यक्ति की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. उप मुख्यमंत्री ने आह्वान किया है कि सभी नागरिक अपने जीवन में योग को अपनाकर स्वस्थ और खुशहाल जीवन की ओर कदम बढ़ाएं.