ग्वालियर के राजघराने के सरदार और इंदौर के परिवार के बीच विवाद की शुरुआत साल 2019 में हुई थी। इंदौर के राजघराने से ताल्लुक रखने वाली मंगेश काक के पति अर्जुन काक ने पुलिस थाना विश्वविद्यालय में 16 नवंबर 2019 को तुलाजीराव आंग्रे (सरदार आंग्रे के बेटे) सहित आठ के खिलाफ फर्जी विवाह प्रमाण पत्र तैयार कराने का आरोप लगाया। इस FIRमें बताया गया कि ग्वालियर नगर निगम ने फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र जारी किया, जिसके अनुसार अर्जुन और कात्यायनी का 18 अप्रैल 2018 को ग्वालियर में विवाह हुआ है। इसी के साथ अर्जुन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की और ग्वालियर नगर निगम द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की। 2019 में दायर याचिका मार्च 2021 में स्वीकार की गई, जिसमें कोर्ट ने अब माना कि अक्षम अधिकारी ने विवाह प्रमाण पत्र जारी किया। इसी आधार पर प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया।
दिवंगत सरदार के बेटे पौत्री समेत 8 लोगों पर मामला दर्ज होने के बाद 2 मार्च 2021 को सरदार की पौत्री कात्यायनी की तरफ से महिला थाने मे दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी। इसमें आरोप लगाया कि अर्जुन और उसके परिजन रॉल्स रॉयस मुंबई में फ्लैट की मांग कर प्रताडि़त कर रहे हैं। कोर्ट ने माना कि जो महिला शादी के महज कुछ माह बाद तलाक मांग रही है। वह 2021 में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करवा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस थाना विश्वविद्यालय में दर्ज धोखाधड़ी की एफआईआर का काउंटर करने के लिये दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया गया है।