नयी दिल्ली, 07 जून (वार्ता) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक हुआ है और परीक्षा परिणाम में जबरदस्त धांधली हुई है जिससे असंख्य बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है इसलिए इस मामले की जांच कराई जानी चाहिए।
श्री खडगे ने कहा “पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार नीट समेत कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गई हैं। इसकी सीधी ज़िम्मेदारी मोदी सरकार की है। अभ्यार्थियों के लिए भर्ती परीक्षाओं में भाग लेना, फिर अनेकों अनियमितताओं से जूझना, पेपर लीक के चक्रव्यूह में फँसना, उनके भविष्य से खिलवाड़ है।”
उन्होंने कहा “भाजपा ने देश के युवाओं को ठगा है। हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में एक उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए जिससे नीट व अन्य परीक्षाओं में भाग लेने वाले हमारे प्रतिभाशाली छात्र- छात्राओं को न्याय मिले।”
श्रीमती वाड्रा ने कहा “पहले नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके रिजल्ट में भी स्कैम हुआ है। एक ही सेंटर के 6 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें सामने आ रही हैं। दूसरी ओर रिजल्ट आने के बाद देश भर में कई बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें हैं। यह बहुत दुखद और झकझोरने वाला है।”
उन्होंने कहा “सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है। छात्र- छात्राओं को नीट परीक्षा के परिणाम में धांधली से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब चाहिए। क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो जांच कराकर इन वाजिब शिकायतों का निस्तारण करे।”
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा “मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में लाखों परीक्षार्थियों के साथ घोटाला पूरी तरह अस्वीकार्य और अक्षम्य है। देश के लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ यह सीधा खिलवाड़ है जिसकी उच्चतम न्यायालय की देखरेख में उच्च स्तरीय जांच तुरंत होनी चाहिए। इस साल पहले इसमें पेपरलीक होने का समाचार आया जिसे दबा दिया गया। अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के कई परीक्षार्थियों ने छात्रों के अंक बढ़ाए जाने के आरोप लगाए हैं। छात्रों का कहना है कि इस बार रिकॉर्ड 67 परीक्षार्थियों ने टॉप रैंक हासिल की और इनमें से छह अभ्यर्थी तो एक ही परीक्षा केंद्र से बताए जा रहे हैं।सवाल है कि आखिर छात्रों के साथ धोखा कैसे हुआ,किसने किया और क्यों परीक्षा परिणाम जानबूझकर 4 जून को चुनाव नतीजों के शोर में घोषित किया गया, जबकि इसे 14 जून को घोषित होना था।”
उन्होंने कहा “नीट के परिणाम पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं -सवाल नंबर एक, एक साथ 67 टॉपर को 720 से 720 अंक कैसे आए। सवाल नंबर 2 है कि एक ही सेंटर के 8 बच्चों के 720 से 720 अंक कैसे आए। सवाल नंबर 3 है कि हर सवाल 4 नंबर का फिर 718 से 719 नंबर कैसे आया।”
उन्होंने कहा “नीट परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के बाद जारी परिणाम में 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलना बड़ा संदेह पैदा करता है। शोर मचने के बाद राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी एंटी ने सफ़ाई तो दी है पर इस सफाई को प्रभावित छात्रों द्वारा बेहद सतही और ग़ैर भरोसेमंद बताया जा रहा है। ऐसे में छात्रों का इस परिक्षा की शुचिता में विश्वास बहाली बेहद ज़रूरी है, जो निष्पक्ष और पारदर्शी जाँच से ही संभव है।”