कृषि भूमि के अतिक्रमणों को हटाने के निर्देश

तहसीलदार को हाईकोर्ट ने दिये निर्देश
जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने कृषि भूमि के अतिक्रमणों को सख्ती से लिया। एकलपीठ ने मामले में तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये हैं, इसके लिये दो माह की समय सीमा निर्धारित की गई है।याचिकाकर्ता बक्सवाहा छतरपुर निवासी कृषक फूलचंद जैन की ओर से अधिवक्ता रत्न भारत तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने 2019 में अपनी कृषि भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदार के समक्ष आवेदन पेश किया था। जिसके बाद तहसीलदार ने पटवारी से अतिक्रमण संबंधी रिपोर्ट तलब की थी।

रिपोर्ट में याचिकाकर्ता की कृषि भूमि पर अतिक्रमण पाया गया था। लिहाजा, अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। याचिकाकर्ता की कृषि भूमि पर अतिक्रमण सिद्ध पाए जाने पर सन 2020 में तहसीलदार बक्सवाहा द्वारा अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया। लेकिन चार वर्ष बाद भी तहसीलदार स्वयं अपने आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं करा पाए। इस वजह से याचिकाकर्ता की समस्या यथावत है। इसीलिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। सुनवाई दौरान आवेदक की ओर से कहा गया कि चार सालों में कई मर्तबा आवेदन देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। सुनवाई पश्चात न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।

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