पटना 04 जून (वार्ता) बिहार में पिछले दो दशक से अपनी शर्तों पर ही राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बार के लोकसभा चुनाव के परिणाम ने किंगमेकर बना दिया है।
बिहार में चार बार पाला बदल चुके श्री नीतीश कुमार को उनकी इस सियासी चाल के कारण भले ही राजनीतिक पंडित कमजोर और थका मान रहे हों लेकिन राज्य की जनता का उनपर कायम भरोसे ने उनकी झोली में बारह सीट देकर उन्हें किंगमेकर की भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अकेले अपने दम पर सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 272 से 29 सांसद कम रहने और इंडी गठबंधन के भी 40 सांसद कम होने की वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महत्व दोनों खेमों में बढ़ गया है।
मतगणना के रुझान में मिल रहे संकेत को देखते हुए श्री नीतीश कुमार आज अपने आवास पर ही राजनीतिक गुना-भाग में मशगुल रहे। उनकी खामोशी ने कयासों का बाजार गर्म कर दिया है। इस बीच भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी उनके आवास पर मुलाकात करने के लिए गए लेकिन उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई या नहीं, इस पर दोनों ओर से चुप्पी साध ली गई है।