कई और लुटेरे चेहरे होंगे बेनकाब

स्कूलों, बुक विक्रेताओं के यहां छापेमारी, आरोपियों से पूछताछ जारी
 दस्तावेजों की जब्ती, संपत्तियों, बैंक खातों का डाटा जुटाया

जबलपुर: निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूलने एवं कॉपी किताबोंआदि में कमीशनखोरी के मामले में पुलिस और प्रशासनिक अमले में टीमें स्कूलों और बुक विक्रेताओं के यहां दबिश देते हुए छापेमारी कर रही है और प्रकरण से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जब्ती की जा रही है। इसके अलावा आरोपियों की संपत्तियों, बैंक खातों का भी डाटा जुटाया जा रहा है।  जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों द्वारा प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं से साठगांठ कर अभिभावकों से अवैध वसूली के  कई मामलों को भी जांच के दायरे में शामिल किया है। बताया जाता है कि इस मामले में  कई रडार में है और अभी कई और ऐसे चेहरे बेनकाब होना बाकी है जिन्होंने अभिभावकों का खून चूसा है।
गुमराह करने के साथ चुप्पी साध रहे आरोपित
पुलिस रिमांड में स्कूल के संचालक, सदस्य, प्राचार्य सहित पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक  से लंबी पूछताछ कर रही है। जिसमें नए राज भी सामने आ रहे है। सूत्रों बताते है कि आरोपित पुलिस पूछताछ में गुमराह करने के साथ चुप्पी साध रहे है। फिलहाल जैसे जैसे जांच का दायरा बढ़ रहा है नई जानकारियां हाथ लग रही है। जिसमेें नए खुलासे हो सकते है।
दिल्ली गाजियाबाद से आईं थीं नकली किताबें
विदित हो कि एनसीईआरटी की नकली किताबें बेचने वाले दो दुकानों सेंट्रल बुक डिपो और विनय पुस्तक सदन में छापेमारी की थी। जांच में यह बात सामने आई थी दिल्ली और गाजियाबाद से ही इन दुकानों में एनसीईआरटी की नकली किताबें लाई जाती थी। न्यू राधिका बुक डिपो, विजय नगर और चिल्ड्रन बुुक डिपो से भी नकली किताबें जब्त की गई थी।
कई और स्कूल आए रडार में
कई स्कूल अब जांच की रडार में आ चुके है जिनका भी काला चि_ा तैयार किया जा रहा है। अवैध फीस वसूली और किताबों व बस्ते में कमीशन वसूले के मामले में जल्द ही इन स्कूलों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

कमीशन खोरी: किताब का नाम और कीमत अलग-अलग
प्रकाशक एक, कंटेंट और लेखक भी वही
जिला प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों की अवैध फीस वसूली तथा पुस्तक विक्रेताओं एवं प्रकाशकों से उनकी साठगांठ तोडऩे की कार्यवाही में ऐसे तथ्य भी सामने आये हैं जहां एक ही किताब अलग-अलग नाम से अलग-अलग स्कूलों में चलाई जा रही थी। इन किताबों के प्रकाशक एक ही हैं किताबों के लेखक भी एक ही है, यहां तक की इंडेक्स और कंटेंट भी वहीं हैं लेकिन कवर पेज और किताब के नाम बदलकर अलग-अलग कीमत पर और अलग-अलग स्कूलों में ये चलाई जा रही थीं। फ्रेण्डस पब्लिकेशन (इंडिया), आगरा द्वारा प्रकाशित इन किताबों को सुमेधा और आमोदनी नाम दिया गया है। दोनों किताबों का लेखन और संकलन वाराणसी के डॉ. राम अवतार शर्मा द्वारा किया गया है। दोनों किताबों में खास बात है कि इनके प्रत्येक पृष्ठ का कंटेंट एक जैसा है।  कमीशन खोरी की वजह से इन किताबों के दाम अलग-अलग रखे गये हैं। जहां सुमेधा ज्ज् का विक्रय मूल्य 345 रूपये है वहीं  आमोदनी  265 रूपये में बेची जा रही है।

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