नयी दिल्ली/जिनेवा 29 मई (वार्ता) भारत ने चिकित्सा उपायों तक समान पहुंच का सभी के लिए मौलिक अधिकार होने पर जोर देते हुए कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से उच्च गुणवत्तायुक्त चिकित्सा उत्पादों तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए दवा नियामक प्रणाली को और मजबूत किया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को यहां बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने जिनेवा में 77 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के पूर्ण अधिवेशन को संबोधन किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपायों तक समान पहुंच सभी के लिए मौलिक अधिकार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के सहयोग से भारत सभी के लिए उच्च गुणवत्तायुक्त चिकित्सा उत्पादों तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए दवा नियामक प्रणाली को और मजबूत करने का इरादा रखता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पर्यटन के प्रमुख स्थल के रूप में उभर रहे भारत के पास स्वास्थ्य के क्षेत्र में अत्यधिक प्रशिक्षित और अनुभवी कार्यबल है।
इस अवसर पर उन्होंने आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत भारत में चिकित्सा पर्यटन के लिए हाल ही में जारी नई वीज़ा व्यवस्था – आयुष वीज़ा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत आम सहमति बनाने और वैश्विक स्वास्थ्य संरचना के ढांचे का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अंतर-सरकारी वार्ता निकाय और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम प्रक्रियाओं में शामिल है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी सदस्य देशों से निरंतर विकास की आधारशिला के रूप में स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से प्रतिबद्ध होने का आग्रह करते हुए कहा कि सब मिलकर आगे बढ़ें और सभी के लिए उज्जवल भविष्य का निर्माण करें।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति का पता लगाने, उसका आकलन करने, उसकी जानकारी देने और उसके समाधान लिए 86 प्रतिशत क्षमता है, जो दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र और वैश्विक औसत से अधिक है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक सहयोग के लिए डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं में एक प्रकाशस्तंभ देश के रूप में उभरा है।
इसके बाद श्री चंद्रा ने ब्रिक्स स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने ब्रिक्स स्वास्थ्य पहलों में सक्रिय भागीदारी का प्रदर्शन किया है और ब्रिक्स देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के उद्देश्य से संयुक्त स्वास्थ्य एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए सहयोगी प्रयासों को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत परमाणु चिकित्सा और रेडियो-फार्मास्युटिकल विज्ञान में ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग को आगे बढ़ाने के महत्व को स्वीकार करता है। उन्होंने सदस्य देशों से सहयोग बढ़ाने और विभिन्न स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया गया।
विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान, भारत ने डिजिटल स्वास्थ्य पर एक आयोजन भी किया, जिसमें क्वाड देशों ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका ने भी भाग लिया। इसमें 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी की। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने एक स्वस्थ, अधिक समावेशी भविष्य के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया।