प्रदर्शन: सडक़ से लेकर सदन तक उठी सीधी में विश्वविद्यालय खोलने की मांग

सीधी। सीधी में विश्वविद्यालय खोलने की मांग सडक़ से लेकर सदन तक उठी। सीधी में विश्व विद्यालय की मांग को जनता से लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ बुिद्धजीवियों के मिले समर्थन के बाद एक बार फिर सडक़ पर उतरकर सीधी में विश्वविद्यालय की मांग कर रहे छात्रों के समूह ने महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।

सीधी में विश्वविद्यालय खोलने की मांग को लेकर छात्र नेता इंद्रलाल पटेल के नेतृत्व में लगातार मांगें की जा रही हैं। कई बार धरना प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा जा चुका है वहीं जनप्रतिनिधियों को भी ज्ञापन सौंपकर छात्रों द्वारा मांग रखी जा चुकी है। आज फिर से सीधी में विश्वविद्यालय की मांग को लेकर छात्र नेता इंद्रलाल पटेल के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं द्वारा वीथिका भवन में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन में संजय गांधी महाविद्यालय सीधी, शासकीय कन्या महाविद्यालय सीधी के साथ ही जिले भर के महाविद्यालयीन छात्र-छात्राएं शामिल रहे। शाम 6 बजे छात्र-छात्राओं ने कलेक्ट्रेट जाकर महामहिम राज्यपाल के नाम से मांगों का ज्ञापन गोपदबनास तहसील के नायब तहसीलदार को सौंपा।

सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि सीधी जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं, यहां अधिकतर गरीब परिवार के लोग निवास करते हैं। यहां के छात्रों को दूर-दराज या अन्य प्रदेशों में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिये जाना पड़ता है। जिससे या तो उच्च शिक्षा से वंचित होना पड़ता है या रूचि के विपरीत विषय लेकर पढऩे के लिये बाध्य होना पड़ता है। आज के लोक कल्याणकारी राज्य के अवधारणा में जहां सरकार सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास लेकर चल रही है, ऐसे में आजादी के 75 वर्ष बाद भी सीधी जिले गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का अभाव चिंताजनक है।

सीधी सांसद ने सदन में शून्य काल में रखी मांग

सीधी सांसद डॉ.राजेश मिश्रा लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सीधी में विश्वविद्यालय खोलने की मांग केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से कर चुके हैं। शून्यकाल के दौरान अपनी मांग रखते हुये सीधी सांसद डॉ.मिश्रा ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र सीधी में सीधी, सिंगरौली एवं शहडोल जिले का ब्यौहारी आता है। तीन जिलों के क्षेत्र में कोई विश्वविद्यालय नहीं है। छात्रों को विश्वविद्यालय के काम के सिलसिले में 150 से 200 किमी. की यात्रा करनी पड़ती है। ऐसे में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से आग्रह है कि सीधी मुख्यालय में विश्वविद्यालय खोलने के लिये आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।

प्रोफेसर ने सोशल मीडिया में किया विश्वविद्यालय की मांग का समर्थन

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस सीधी के प्रोफेसर डॉ.अनिल कुमार सिंह ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर विश्वविद्यालय की मांग का समर्थन किया है। श्री सिंह ने पोस्ट में कहा है कि सीधी जिले में एक विश्वविद्यालय खोलने की मांग विगत 5 वर्षों से शोध छात्र इन्द्रलाल पटेल, ज्योति, विनीता यादव, कंचन, अंकुर सिंह, मुस्कान द्विवेदी और इनके सैकड़ो सक्रिय साथी लगातार कर रहे हैं। इस सिलसिले में कभी ये लोग प्रदर्शन करते हैं तो कभी हस्ताक्षर अभियान चलाते हैं, कभी नुक्कड़ नाटक करते हैं और कभी सीधी जिले के सांसद और विधायक से मिलते हैं। शिक्षा और पढऩे-पढ़ाने को लेकर इन सबकी सक्रियता को प्रणाम करने का मन करता है। शिक्षा का स्तर सुधारना एवं शिक्षा सबके लिए सुलभ बनाना हम सब का कर्तव्य होना चाहिए। शिक्षा यदि सचमुच मूल्यवान और गुणवत्ता पूर्ण होगी तभी हम प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफल हो पाएंगे फिर प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं का स्वरूप चाहे जो भी हो। सीधी जिला आदिवासी बहुल जिला है। सब लोग इतने अमीर नहीं है कि बाहर जाकर पढ़ सके। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में आने-जाने में यहां के छात्र-छात्राओं का एवं उनके अभिभावकों का समय का नुकसान तो होता ही है साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है और आजकल सब काम एक बार में ही हल हो जाएगा। इसकी भी कोई गारंटी देने वाला नहीं है। इसलिए भी यह जरूरी है कि सीधी मुख्यालय में भी एक विश्वविद्यालय हो। उसमें गुणवत्तापूर्ण अध्ययन अध्यापन हो। वैसे भी यह जिला मानव संसाधन मंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और कैबिनेट मंत्रियों का जिला रहा है। विश्वविद्यालय खोलने की मांग पहले ही पूरी हो जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इतने वर्षों बाद प्रधानमंत्री कालेज ऑफ एक्सीलेंस शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए खुला परन्तु वह भी पहले की तरह ही चल रहा है। बाबा साहब ने कहा है कि शिक्षा शेरनी का दूध है जो पिएगा वह दहाड़ेगा। सीधी के लोग भी दहाडऩा चाहते हैं। प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में अधिक से अधिक सफल होना चाहते हैं। इसलिए भी हम सब का सक्रिय प्रयास होना चाहिए कि सीधी में एक आदर्श विश्वविद्यालय की स्थापना हो। इसके लिए जो संगठन सक्रिय हैं उन्हें मिलकर समर्थन देने की आवश्यकता है।

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