– सात दिन में देना होगा रिपोर्ट, पाक्सो एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
प्रशासनिक संवाददाता
भोपाल, 25 मई, सीधी जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्राओं के साथ हुई घटना को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है और पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के तीखे तेवर के बाद आईजी रीवा जोन डॉ. महेन्द्र सिंह सिकरवार ने आनन-फानन में 9 सदस्यीय एसआईटी भी गठित कर दी है. इधर पुलिस ने भी तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ट्वीट कर कहा कि सीधी जिले के मझौली थाना में आदिवासी छात्राओं से स्कॉलरशिप देने का लालच देकर गलत कार्य करने का मामला मेरे संज्ञान में आया है. आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है. ऐसा निंदनीय कार्य करने वाले समाज के दुश्मन हैं, आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी, किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जो संपूर्ण तथ्यों की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा.
घटना को लेकर थाना मझौली जिला सीधी में पाक्सो एक्ट के तहत प्रकरण भी दर्ज कर लिया गया है, वहीं पूरे प्रकरण की जांच के लिए रोशनी सिंह ठाकुर एसडीओपी कुसमी जिला सीधी के नेतृत्व में 9 पुलिसकर्मियों की टीम गठित की गई है. ये एसआईटी प्रकरण के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करेगी और ठोस साक्ष्य एकत्रित करेगी. प्रत्येक प्रकरण में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सात-सात दिन में पेश करेगी.
विशेष जांच दल में ये शामिल
– रोशनी सिंह ठाकुर एसडीओपी कुसमी, उप निरीक्षक दीपक सिंह बघेल थाना प्रभारी मझौली, उप निरीक्षक प्रीति वर्मा, उप निरीक्षक केदार परौहा, उप निरीक्षक दिव्य प्रकाश त्रिपाठी, प्रधान आरक्षक महेन्द्र पाटले, आरक्षक विवेक द्विवेदी, महिला आरक्षक प्रतीक्षा तिवारी और आरक्षक प्रदीप मिश्रा.
क्या था मामला
आरोपी आवाज बदलने वाले मोबाइल एप के माध्यम से छात्राओं को स्कॉलरशिप देने के बहाने बुलाते थे, वे महिला बनकर बात करते थे, जिससे कि वे छात्राओं का भरोसा जीत सके, प्राचार्य के नाम पर किसी एक स्थान पर एक युवक को भेजने और उन्हें दस्तावेज देने की बात कहते थे, उसके बाद जब छात्रा तय स्थान पर पहुंच जाती थी तो वे छात्राओं का शोषण करते थे, इतना ही नहीं आरोपी जानकारी छिपाने के लिए छात्राओं का मोबाइल भी लूट लेते थे. छात्राओं ने इस मामले की आखिरकार जब शिकायत की, तब ये मामला उजागर हुआ, तब तक वे कई छात्राओं का शोषण कर चुके थे.
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