एसडीएम कार्यालय में आगजनी व हमला करने के आरोप में सजा बरकरार
जबलपुर। पूर्व विधायक किशोर समरीते को हाईकोर्ट से झटका लगा है। एसडीएम कार्यालय में आगजनी तथा हमला करने के आरोप में जिला न्यायालय द्वारा निर्धारित की गयी सजा को सही ठहराया है। एकलपीठ ने एससी एसटी एक्ट में दी गयी सजा को निरस्त कर दिया है।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक किशोर समरीते ने अतिक्रमण कार्यवाही के विरोध में 19 अप्रैल 2004 को एसडीएम लांजी धनेष्वर साईं के कार्यालय में भीड़ के साथ हमला कर दिया था। भीड़ हमला करने के लिए हाथ में लाठियां लेकर आई थी। होमगार्ड के सैनिकों ने उन्हें कार्यालय से बाहर निकाला था। जिसके बाद उन्होंने सरकारी गाडी तथा कार्यालय में आग लगा दी थी। प्रकरण की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने पूर्व विधायक किशोर समरीते सहित सात आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत पांच साल की सजा तथा दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया था। इसके अलावा एससी एसटी एक्ट के तहत तीन साल की सजा तथा एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया था।
सजा के खिलाफ सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। अपील की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एससी एसटी एक्ट के तहत सुनाई गयी सजा को निरस्त कर दिया। एकलपीठ ने अन्य धाराओं के तहत सुनाई गयी सजा को बरकरार रखा है। अपील के लंबित रहते हुए एक आरोपी की मृत्यु हो गयी है। एकलपीठ ने सभी आरोपियों को जिला न्यायालय के समझ समर्पण करने के आदेश जारी किये है।