
आईजी ने हरी झंडी दिखा किया रवाना
जबलपुर। अत्याधुनिक उपकरणों से लैस 47 डायल 112 एफआरव्ही सडक़ों पर उतर गई हैं। डॉयल 112 योजना अंतर्गत गुरूवार को पुलिस लाईन परेड ग्राउंड से पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन प्रमोद वर्मा द्वारा जिले को मिली 47 एफआरव्ही वाहन (फर्स्ट रिस्पॉंस व्हीकल) का हरी झण्डी दिखाते हुये शुभारंभ किया।
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि ये सभी वाहन आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है। अब मध्यप्रदेश पुलिस का एमरजेंसी नंबर डायल 100 की जगह डायल 112 हो चुका है। एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के तहत लोग पुलिस, एम्बुलेंस हेल्पलाइन जैसी विभिन्न सेवाओं के लिए एक ही नंबर 112 पर कॉल कर सकते हैं । उक्त नम्बर को मोबाइल या लैंडलाइन फोन से मुफ्त में डायल किया जा सकता है. किसी भी आपात स्थिति में, जैसे कि जीवन को तत्काल खतरा, गंभीर चोट, या गंभीर अपराध देखने पर तुरंत 112 डायल करें। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर/ अपराध जितेन्द्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-2 सुश्री पल्लवी शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सूर्यकांत शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) सुश्री अंजना तिवारी, समस्त राजपत्रित अधिकारी एवं थाना प्रभारी शहर उपस्थित रहे।
शहर मेंं 30 स्कार्पियों, ग्रामीण अंचल में 17 बुलेरों तैनात-
पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय द्वारा बताया गया कि जिला को 47 एफआरव्ही वाहन जिनमें से 30 स्कार्पियो वाहन शहर हेतु एवं 17 बुलेरो वाहन ग्रामीण क्षेत्र हेतु प्राप्त हुये है जो थाना क्षेत्रो के चिन्हित स्थानों में तैनात रहेंगे। उपरोक्त वाहनों में जी.पी.एस. वायरलेस, डिजिटल नेविगेशन और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग, बॉडी वार्म कैमरा, स्ट्रेचर जैसी सुविधाएं हैं, किसी भी इमरजेंसी कॉल पर यह गाडिय़ां तेज़ी से मौके पर पहुंचकर अविलम्ब पीडित को सहायता पहुंचायेंगी।
ये होगी सुविधाएं
योजना के अन्तर्गत 1200 सुसज्जित वाहन प्रदेश भर में सार्वजनिक स्थानों पर 24 घंटे तैनात रहेंगे। प्रत्येक वाहन में प्रत्येक शिफ्ट में ड्राईवर के अलावा 2 पुलिस स्टॉफ उपलब्ध रहेगा। वाहन मेें जीपीएस वॉयरलेस, पीए सिस्टम अग्निशामक यंत्र, फस्र्टएड बॉक्स डजिटल नेविगेशन और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग जैसी व अन्य कई उपकरण प्रतिस्थापित किए गए है। योजना के अन्तर्गत भोपाल में कॉल सेन्टर स्थापित है। इसमें कॉल टेकर, डिस्पैचर तथा सुपरवाईजर है, इसके अलावा फीड बैक टीम, ऑडिट टीम, क्वॉलिटी टीम एवं टैक्नालॉजी टीमें भी है।
