स्थानांतरण आदेेश निरस्त

हाईकोर्ट से आवेदक को मिली राहत
जबलपुर: जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ जितेन्द्र गौड़ के किये गये स्थानांतरण आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने उक्त निर्देश दिये हैं।याचिकाकर्ता जितेन्द्र गौड़ की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे व राकेश शुक्ला ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय छतरपुर में सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ है और वह जिला कर्मचारी संघ का पदाधिकारी है। आवेदक की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ की गई फर्जी शिकायतों पर राजनीतिक दबाव में 31 जुलाई 2023 को संभागीय आयुक्त ने उनका स्थानातंरण छतरपुर से अन्यत्र स्थान किये जाने का आदेश दिया।

जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने 10 अगस्त 2023 को याचिकाकर्ता का स्थानांतरण नवगांव कर दिया, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है। श्री दुबे ने दलील दी कि शिकायत के आधार पर यदि होता है तो वह सजा रूपी है और इसके लिये जांच होनी चाहिये और आवेदक को सुनवाई का अवसर मिलना चाहिये, लेकिन इसे पूरे प्रकरण में ऐसा कहीं नहीं हुआ। वहीं शासन की ओर से कहा गया कि चूंकि याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच चल रहीं थी, इसलिये उन्हें वहां से हटाया गया है। जिस पर आवेदक की ओर से कहा गया कि जांच का उल्लेख 10 अगस्त 2023 के आदेश में कहीं नहीं है और शासन कोई नया कारण सृजित नहीं कर सकता। उक्त तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय ने आवेदक के खिलाफ 10 अगस्त 2023 को जारी आदेश को निरस्त कर दिया है।

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