जिले में लक्ष्य का 23 फीसदी तेंदूपत्ता हुआ संग्रहित

० 51 वन समितियों के माध्यम से हो रहा तेंदूपत्ता संग्रहण, 23134 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित

नवभारत न्यूज

सीधी 15 मई। जिला वनोपज संघ सीधी द्वारा 7 मई से चल रहे तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य में लक्ष्य का 23 फीसदी संग्रहण हो चुका ैहै। अभी तक जिले को मिले 1 लाख 5279 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण के लक्ष्य के विरूद्ध 23134 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण हो चुका है। तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य जिले में 51 वन समितियों के माध्यम से शुरू है।

मौसम की अनुकूलता बनी रही तो दो सप्ताह तक अभी तेंदु्रपत्ता संग्रहण का कार्य चलता रहेगा। यदि मौसम की बीच में प्रतिकूलता रहती है तो उस दिन तेंदुपत्ता तोडऩे का काम बंद रहेगा। तेंदुपत्ता संग्रहण से जुड़े वन अमले का कहना है कि मौसम ठीक रहने से तेज धूप का सिलसिला बना रहा। इसके चलते सभी समितियों में तेंदूपत्ता सही गुणवत्ता के साथ उपलब्ध है। अभी यह देखा जा रहा है कि जंगलों में तेंदूपत्ता की सही गुणवत्ता रहे जिससे संग्रहित होने वाला तेंदूपत्ता भी अच्छी क्वालिटी का रहेगा। अच्छी गुणवत्ता का तेंदूपत्ता संग्रहित होने पर उसकी मांग भी काफी रहती है। तेंदुपत्ता की काफी भरमार है किन्तु आसमान में उमड़ते बादलों एवं बीच-बीच में हल्की बारिश के चलते तेंदूपत्ता की गुणवत्ता कुछ स्थानों में ठीक नहीं रहती। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जितनी तेज धूप रहेगी तेंदूपत्ता की गुणवत्ता भी उतनी ही अच्छी रहेगी। यदि मौसम में परिवर्तन हुआ एवं बारिश का दौर शुरू हुआ तो तेंदूपत्ता की गुणवत्ता काफी प्रभावित हो जाती है। वर्तमान में जो तेंदूपत्ता वन क्षेत्रों में मौजूद हैं उनकी गुणवत्ता मौसम खुलने से फिलहाल सही है। समितियों के माध्यम से अभी तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य में तेजी देखी जा रही है। तेंदुपत्ता संग्रहण का कार्य 25 मई तक जिले में पूर्ण होने का अनुमान जताया जा रहा है। जिला वनोपज के अधिकारियों द्वारा भी यह प्रयास किया जा रहा है कि मौसम सही रहने तक ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तेंदुपत्ता तोडऩे का काम पूरा कर लिया जाए। सीधी जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य अमूमन हर वर्ष मई महीने में ही शुरू होता है। करीब महीने भर तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य वन क्षेत्रों में काफी तेजी के साथ किया जाता है। तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए सभी वन क्षेत्रों में श्रमिक बेसब्री से इंतजार करते हैं कि जल्द तेंदूपत्ता संग्रहण शुरू हो। तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए क्षेत्रीय श्रमिक अपना अन्य सभी कार्य बंद कर देते हैं और महीने भर तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य करते हुए काफी आर्थिक लाभ अर्जित किया जाता है। जिला वनोपज समिति द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि तेंदुपत्ता संग्रहण में लगे श्रमिकों को जल्द से जल्द उनकी पारिश्रमिक का भुगतान किया जाय। जिले के दक्षिणी क्षेत्र के जंगलों में काफी मात्रा में तेंदूपत्ता तैयार है और संग्रहण का कार्य भी तेजी के साथ किया जा रहा है।

जिला लघु वनोपज कार्यालय के अनुसार तेंदुपत्ता तोड़ाई के लिए पारिश्रमिक का निर्धारण कर दिया गया है। श्रमिकों को एक हजार गड्डी तेंदुपत्ता जमा करने पर चार हजार रुपए पारिश्रमिक मिलेगी। प्रति मानक बोरा में एक हजार गड्डी भराई के निर्देश हैं। इस तरह प्रति मानक बोरा तेंदुपत्ता गड्डियों का संग्रहण होने पर चार हजार की पारिश्रमिक दी जाएगी। उधर जानकारों का कहना है कि तेंदूपत्ता तोडऩे के काम में श्रमिकों को पारिश्रमिक के अलावा बाद में प्रदेश सरकार की ओर से लाभांश वितरण के रूप में बोनस भी दिया जाता है। जिला वनोपज सीधी अंतर्गत 8 रेंजों के 708 फड़ों के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण की व्यवस्था बनाई गई है। मौसम की अनुकूलता के चलते सभी 51 वन समितियों के जंगलों में ही तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य काफी तेजी के साथ शुरू किया गया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि सीधी जिले में सर्वाधिक तेंदूपत्ता का संग्रहण बफर जोन टमसार, बफर जोन मड़वास एवं मझौली रेंज में होता है। यहां तेंदूपत्ता जंगलों में काफी है।

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जंगलों में मौजूद है गुणवत्तायुक्त तेंदूपत्ता

जिले में 51 वन समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य इस वर्ष भी शुरू हो चुका है। यह गनीमत रही है कि मौसम तेंदुपत्ता के अनुकूल होने के कारण सभी समितियों में एक साथ गुणवत्तायुक्त तेंदूपत्ता तोडऩे के लिए तैयार हो चुका था। जिसके चलते 7 मई से सभी समितियों में तेंदुपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू हो गया है। समय पर तेंदुपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू होने के कारण यह माना जा रहा है कि यदि बीच में मौसम प्रतिकूल नहीं रहा तो तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 25 मई के आसपास पूरा हो जाएगा। जिले में वन समिति बघवार, रामपुर नैकिन, चुरहट, चौफाल, टमसार, मझौली, गांधीग्राम, बरमबाबा आदि में तेजी के साथ तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। तेंदूपत्ता को तोडऩे के बाद उसे सुखाकर संबंधित समितियों में जमा करने की व्यवस्था है। जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 708 फड़ों के माध्यम से किया जा रहा है। सभी वन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्रहण करानेे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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