मंगल दिवस पर आंगनवाड़ी केन्द्रों में गोद भराई कार्यक्रम का हुआ आयोजन

० गर्भवती महिलाओं को दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां, गर्भवती महिलाओं के उचित पोषण एवं स्वास्थ्य जांचों की दी गई समझाइस

नवभारत न्यूज

सीधी 15 मई। जिले का शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर प्रदेश एवं देश के शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर से ज्यादा है, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार योग्य नहीं है। एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट अनुसार 6 वर्ष तक बच्चे 72.5 प्रतिशत 15 से 49 वर्ष की महिलाएं 55.7 प्रतिशत एनीमिक है। एनीमिया एवं कुपोषण बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है।

पोषण अभियान अंतर्गत भारत सरकार द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत सामुदायिक गतिविधियों मंगल दिवस अंतर्गत द्वितीय मंगलवार को गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। गोद भराई कार्यक्रम के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा एवं सहायिका सहित पूर्व चिन्हित गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिवार सहित अन्य हितग्राही कार्यक्रम में उपस्थित थे। साथ ही ग्राम की महिला जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रही। आंगनवाड़ी केन्द्रों में गोदभराई की जगह पर रंगोली एवं स्थानीय रूचि अनुसार सजावट किया गया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आशा उपस्थित सभी महिलाओं का स्वागत कर गर्भवती महिलाओं जिनका गोदभराई करना है, उन सभी महिलाओं के नाम पर ताली बजाया गया। सर्वसम्मति से वरिष्ठ एवं सम्मानीय महिलाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं की गोदभराई प्रारंभ कर स्थानीय परंपरा अनुसार गर्भवती महिलाओं का पूजन किया गया तथा पूजन के अंत में गर्भवती महिलाओं के सिर पर हाथ रखकर आर्शीवाद दिया गया। पूजन कार्य सम्पन्न हो जाने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा द्वारा गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य एवं पोषण देखभाल पर चर्चा किया गया जिसमें – गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व चार स्वास्थ्य जांच के बारे में विस्तार से बताया गया। जिसमें गर्भवती महिला को टीटी का टीका लगाना, उसके खून की जांच हीमोग्लोबिन का स्तर, पेशाब की जांच, ब्लड-प्रेशर की जांच आदि शामिल है। गर्भावस्था के चौथे माह से प्रति दिन एक आयरन फोलिक-एसिड की गोली, प्रसव के 6 माह पश्चात तक सेवन करने एवं प्रति दिन दो कैल्शियन की गोली, प्रसव के छ: माह पश्चात तक सेवन के संबंध में चर्चा किया गया। अतिरिक्त आहार की आवश्यकता, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्य पदार्थों से बने आहार, मोटे अनाज से बनी वस्तुओं का महत्व, सूक्ष्म पोषक तत्वों एवं विटामिन युक्त स्थानीय भोजन एवं आंगनबाड़ी से प्राप्त टीएचआर के उपयोग आदि पर विस्तार से चर्चा किया गया। गर्भावस्था से संबधित खतरे के चिन्हों के बारे में चर्चा किया गया, जिसमें अत्याधिक रक्तस्राव, तेज बुखार, सास लेने में तकलीफ, खून की कमी, उच्च रक्तचाप, सिरदर्द दृष्टि का धुधंला होना, 12 घंटे से अधिक प्रसूति दर्द, प्रसूति दर्द के बिना पानी की झिल्ली का फटना आदि। जिला कार्यक्रम अधिकारी आर.सी.त्रिपाठी के निर्देशन में सहायक संचालक, परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक द्वारा भ्रमण कर उक्त मंगल दिवस अंतर्गत द्वितीय मंगलवार को आज समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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योजनाओं के लाभों पर दी गई जानकारी

प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृ अभियान- जननी सुरक्षा योजना एवं मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा (प्रसूति सहायता) योजना अंतर्गत प्राप्त होने वाले लाभों के विषय में जानकारी दी गई। जिसमें- प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना के अंतर्गत प्रथम प्रसव हेतु शीघ्र पंजीयन कराने पर राशि रूपये 1000, गर्भावस्था के 6 माह पश्चात जांच कराने पर राशि रूपये 2000 एवं प्रसव उपरांत जन्म पंजीकरण एवं बीसीजी, ओपीव्ही और हेपेटाइटिस बी की प्रथम डोज के बाद राशि रूपये 2000 प्रदाय करने का प्रावधान है। जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में राशि रूपये 1400 एवं शहरी क्षेत्र में राशि रूपये 1000 का प्रावधान है। मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को राशि रूपये 16000 तक का प्रावधान है। जिसमें उक्त योजना अंतर्गत मिलने वाला लाभ भी शामिल है।

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