बमों के सेल डिमोलिशन ग्राउंड में नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू

 

विस्फोट कांड: राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बाद सेना जांच में जुटी

 

एक हजार से अधिक सेल हुए हैं बरामद, सीओडी का ऑपरेशन सप्ताह के अंत तक होगा पूरा

 

 

जबलपुर। खजरी-खिरिया बायपास स्थित रजा मेटल इंडस्ट्री में 25 अप्रैल को हुए विस्फोट मामले में सैन्य अधिकारियों की टीम ने कबाड़ यार्ड से एक हजार से अधिक बमों के सेल बरामद किए हैं जिन्हें सुरक्षित निपटान के लिए एलपीआर खमरिया डिमोलिशन ग्राउंड में ले जाया गया जहां नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दरअसल विस्फोट मामले की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा  जांच पड़ताल की जा रही है,हालांकि यूएक्सओ को हटाकर जगह को सुरक्षित बनाने का अंतिम कार्य बाकी रह गया था। जिला मजिस्ट्रेट जबलपुर ने इस संबंध में मुख्यालय मध्य भारत एरिया से सहायता की मांग की। तत्पश्चात लेफ्टिनेंट जनरल पीएस शेखावत, जीओसी, एमबी एरिया ने सीओडी जबलपुर को सभी यूएक्सओ को सुरक्षित रूप से ध्वस्त करने के निर्देश दिये, उसी के आधार पर मेजर जयदीप के नेतृत्व में सीओडी जबलपुर की एक टीम ने यूएक्सओ को स्थानांतरित करने का कार्य शुरू कर दिया और यूएक्सओ के  सुरक्षित निपटान के लिए एलपीआर खमरिया डिमोलिशन ग्राउंड में ले जाया गया। पूरा ऑपरेशन सप्ताह के अंत तक पूरा होने की संभावना है।

विशेषज्ञों की निगरानी में ध्वस्त

सीओडी की टीम ने विशेषज्ञों की  देखरेख में भरी मात्रा में अनएक्स्प्लोडेड ऑर्डनेन्स  को ध्वस्त किया जाएगा। मुख्यालय मध्य भारत क्षेत्र ने सीओडी जबलपुर को रजा मेटल इंडस्ट्रीज के परिसर में बिखरे खतरनाक यूएक्सओ को हटाने का काम सौंपा है।

जीओसी ने स्वयं किया था दौरा

मध्य भारत एरिया के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल पीएस शेखावत ने जानकारी देते हुए बताया की सेना ऐसे किसी भी ऑपरेशन को करने में सक्षम है और नागरिक प्रशासन को पूरा समर्थन देती रहती है। स्थिति का आकलन करने और निकासी कार्यों में शामिल अधिकारियों को जानकारी देने के लिए जीओसी ने स्वयं साइट का दौरा किया था।

कहां से खरीदे बम

जांच एजेंसियों के साथ पुलिस की टीम यह भी पता कर रही हैं कि मोहम्मद शमीम ने कहां-कहां से ये बम खरीदे थे, और उनका क्या उपयोग था। इसके अलावा अन्य बिन्दुओं पर भी जांच की जा रही है।

एनएसजी ने निष्क्रिय किए थे 200 बमों के खोल

विदित हो कि कबाडख़ाने में 25 अप्रैल को जोरदार धमाका हुआ था। विस्फोट के बाद नेशनल सिक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) की टीम ने करीब 200 बड़े बमों के खोलों को नष्ट किया था। इसके अलावा कई दिनों तक कबाडख़ाने में जांच की थी, जिसके बाद टीम कुछ बमों को बतौर सेम्पल अपने साथ ले गई थी, जिनकी जांच दिल्ली स्थित एनएसजी के लैब में की जा रही है।

यह है मामला

हाईवे से लगे हिस्ट्रीशीटर गुंडे शमीम कबाड़ी के कारखाने में 25 अप्रेल को विस्फोट हुआ था। विस्फोट इतना खतरनाक था कि लगभग आठ से दस हजार वर्गफीट में फैला पूरा कबाडख़ाना धराशायी हो गया था वहीं विस्फोट की गूंज पांच से छह किलोमीटर तक के इलाके में सुनाई दी थी। आशंका है कि स्क्रेप में जिंदा बम के फटने से घटना हुई। घटना में दो मजदूर गौर निवासी भोलाराम और आनंद नगर निवासी खलील लापता हो गए थे। हाल ही में मिली डीएनए रिपोर्ट में विस्फोट में खलील की मौत की पुष्टी हुई थी। वहीं भोला की गुमशुदगी दर्ज की गई है।

शमीम को पकडऩे उप्र में छापेमारी

मामले में अधारताल पुलिस ने शमीम उसके बेटे फहीम और पार्टनर सुल्तान पर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया। शमीम फरार है और उस पर 15 हजार का इनाम घोषित किया गया है। जिसकी तलाश में संभावित ठिकानों में दबिश दी जा रही है लेकिन वह पुलिस गिरफ्त से दूर है। सूत्रों की माने तो उप्र मेंं भी एक टीम छापेमारी कर रही है।

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