फॉरेस्ट अधिकारियों को बंधक बनाने वालों को राहत नहीं

हाईकोर्ट ने एफआईआर निरस्त करने से किया इंकार, याचिकाएं खारिज
जबलपुर: हरदा के फॉरेस्ट अधिकारियों पर हमला करने और उन्हें बंधक बनाकर रखने के 23 आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने से हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया है। दरअसल आरोपियों ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और ट्रायल कोर्ट में प्रस्तुत चालान को चुनौती दी थी।प्रकरण के अनुसार ओमप्रकाश पटेल ने हरदा के राहतगांव पुलिस थाने में 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि 11 जुलाई 2007 को वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पेट्रोलिंग पर थे। पेट्रोलिंग के दौरान वन कर्मियों ने पाया कि रामदास, रामभाऊ व रामभरोस वन भूमि पर अवैधानिक रूप से खुदाई कर रहे थे।

वन कर्मियों को देखकर सभी भागने लगे, लेकिन रामदास पकड़ा गया। कुछ ही देर में बहुत से आदिवासी लाठी, कुल्हाड़ी व अन्य हथियार लेकर वहां पहुंच गये। जिन्होंने वनकर्मियों को घेरकर हमला बोल दिया। वे चिल्लाने लगे कि यह जमीन एसजे पार्टी की है। आरोप है कि हमलावरों ने कहा कि उनके नेता शमीम मोदी, अनुराग मोदी व संजय आर्य ने कहा है कि यदि वन कर्मी आएं तो उन्हें बांधकर ले आएं। आदिवासियों ने वन कर्मियों को बांधकर उक्त नेताओं के पास ले गए और रातभर बंधक बनाकर रखा। दूसरे दिन स्थानीय पुलिस और वन अधिकारियों की मदद से बंधकों को छुड़ाया गया। अनुराग मोदी, शमीम मोदी, संजय आर्य सहित 23 लोगों ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और चालान को चुनौती दी गई थी। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने दायर याचिकाएं निरस्त कर दी।

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