हाईकोर्ट ने माना पद में रहने के अयोग्य
जबलपुर। जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर अनारक्षित वर्ग का व्यक्ति कैसे चुनाव लड सकता है। हाईकोर्ट जस्टिस जी एस अहलूवालिया ने सुनवाई के दौरान पाया कि अनावेदक के पास किसी वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र नहीं है। एकलपीठ ने निर्वाचित सदस्य को पद में रहने के अयोग्य करार देते हुए सीट रिक्त घोषित करने के आदेश जारी किये है।
याचिकाकर्ता रमेश चौकसे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि रायसेन जिले के वार्ड नम्बर 3 से अनावेदक राजेन्द्र सिंह जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए है। उक्त सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थी। अनावेदक की जाति बघेल है,जबकि ओबीसी वर्ग में पाल बघेल आते है। बघेल जाति सामान्य वर्ग में आती है। अनावेदक के निर्वाचन को चुनौती देते हुए उसकी पत्नी ने आयुक्त भोपाल के समक्ष चुनाव याचिका दायर की गयी थी। आयुक्त भोपाल ने चुनाव आयोग के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा था कि प्रत्याशी ने शपथ-पत्र में खुद को ओबीसी वर्ग का बताया था। चुनाव अधिकारी के उसकी जाति की जांच करने का अधिकार नहीं है।
याचिका की सुनवाई के दौरान अनावेदक की तरफ से बताया गया कि उसके पास किसी भी वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र नहीं है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि अनावेदक के पास जाति प्रमाण पत्र होता हो उसकी जांच उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति से करवाई जा सकती है। जाति प्रमाण नहीं होने के कारण अनावेदक खुद को ओबीसी वर्ग का साबित नहीं कर पाया। इसलिए वह पद में बने रहने के आयोग्य है।